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MAHARISHI VALMIKI

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महाऋषि वाल्मीकि... BY AMIT ANANT अपने तपोबल से ही वाल्मीकि ऋषि ने ज्ञान को पाये थे। अपने ही ज्ञान से ऋषिवर ने रामायण काव्य को रचाये थे। उनके तपोबल में आध्यात्मिक शक्तियां इतनी ज्यादा थी, अपने तत्वों ज्ञान से ही वो महाऋषि वाल्मीकि कहलाये थे।।         MAHARISHI VALMIKI... पृथ्वी के प्रथम वैज्ञानिक महान कवि महाऋषि वाल्मीकि जी के जन्मोत्सव पर उनके श्री चरणों मे नमन वंदन 🙏       MAHARISHI VALMIKI... पौराणिक कथाओं के अनुसार वैदिक काल के महान ऋषि वाल्‍मीकि असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे और महर्षि वाल्मीकि का जन्म अश्विन मास के शुक्‍ल पक्ष की पूर्णिमा यानी कि शरद पूर्णिमा को जन्मे महर्षि कश्यप और अदिति की 9वीं संतान वरुण और पत्नी चर्षणी के घर हुआ था। परन्तु ऐसा कहा जाता है कि बचपन में ही भील समुदाय के लोग उन्हें चुराकर ले गए थे और उनका लालन पालन भील समाज में ही हुआ। जिसके चलते वाल्मीकि से पहले उनका नाम रत्नाकर हुआ करता था। रत्नाकर जंगल से गुजरने वाले लोगों से लूट-पाट किया करते थे पौराणिक कथाओं में पाया जाता है कि वह एक डाकू के रूप में प्रचलित हो गए थे। ...

RASHTRIYE EKTA DIVAS

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राष्ट्रीय एकता दिवस... BY AMIT ANANT भारत की एकता के प्रतिबिम्ब बन के आये थे। भारतीय एकता में वो लौह पुरूष नाम पाये थे। एकीकरण करके मजबूत राष्ट्र निर्माण करके, भारत में भारत को एकता का पाठ पढ़ाये थे।।     RASHTRIYE EKTA DIVAS... आज हमारे देश के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 145वीं जयंती मनाई जा रही है। और हमारे देश को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। और यही कारण है कि वल्लभभाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस  (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है। और सरदार पटेल आजादी के बाद देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी रह चुके थे।         RASHTRIYE EKTA DIVAS... सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था और उन्होंने बेलिस्टर की पढ़ाई की और अहमदाबाद में वकालत करने लगे।और महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में भी भाग लिया। और लौह पुरूष स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद में अपने...

SHARAD PURNIMA

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शरद पूर्णिमा... BY AMIT ANANT शरद पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी जी की पूजन होता है। शरद पूर्णिमा के दिन मिठाई खीर का भोजन होता है। आज की रात्रि में मिठाई खीर रखते है चाँद के प्रकाश में, शरद पूर्णिमा के अगले दिन खीर प्रसाद का वितरण होता है।।     SHARAD PURNIMA... आज शरद पूर्णिमा है...ऐसा कहा जाता है कि सभी पूर्णिमाओं में शरद पूर्णिमा सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। और कई राज्यों में शरद पूर्णिमा को फसलो के पैदावारी के रूप में उत्सव भी मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा भारतीय संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण पूर्णिमा मानी जाती है। और माना जाता है कि आज की रात्रि माँ लक्ष्मी जी की रात्रि होती है। आज की संध्या में माँ लक्ष्मी की पूजा बहुत विधि विधान से करते है और माँ लक्ष्मी से आशीर्वाद लिया जाता है।         SHARAD PURNIMA... कहते है की  आज की रात्रि में चन्द्रमा में दिव्य प्रकाश भी होता है ....अधिक आकर्षक होता है। और चंद्रमा में बहुत शीतलता भी होती है और बताया जाता है कि आज के रात्रि में चन्द्रमा से अमृत की वर्षा होती है।       SHARAD PURNIMA... ऐस...

PYARI SI GUDIYA

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प्यारी सी गुड़िया... BY AMIT ANANT उसके आँखों से आँसू निकलते रहे। उसके साथ साथ में सब चलते रहे। कोई पूछने वाला नही दिखा उसको, उसके आस पास से सब निकलते रहे।।    PYARI SI GUDIYA... 2013 नवरात्रि के अष्टमी का दिन था मैं शाम को 6 बजे ऑफिस से अपने घर के लिए निकला और  मोटरसाइकिल से और जैसे ही थोड़ी दूर गया मेरे मित्र का फोन आया कि भैया इधर से आना माँ जी को कोई काम है। तो उनको समझा देना।        PYARI SI GUDIYA... तो मैं वहां 30 मिनट की दूरी पर मित्र के घर चला गया और आंटी से मिल कर आंटी ने जो पूछा उनको समझाया।और फिर चाय नास्ता करके करीब 9 बजे वहां से घर के लिए निकला और करीब 20 मिनट बाद हम अपने क्षेत्र में आ चुके थे बस वहाँ से 2 किलोमीटर की दूरी पर मेरा घर था।      PYARI SI GUDIYA... तो एक जगह रास्ते के बिल्कुल बराबर में बहुत बड़े मैदान में मेला लगा हुआ था...तो वहां रोड पर भीड़ ज्यादा थी तो मैं धीरे धीरे ही मोटरसाइकिल से चल रहा था जैसे ही भीड़ को पार करके 500 मीटर आगे गया तो देखा कि एक अकेली छोटी 4 या 5 की साल की बच्ची तेज स्वर में रोते हुए रोड के किन...

PYARA BACHPAN

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प्यारा बचपन... BY AMIT ANANT कमजोर कंधों पर किताबों का बोझ डाल देते है। कमजोर बच्चों पर हिसाबों का खोज डाल देते है। उनके खेलने खाने के दिन को सब समझते नही, कमजोर आँखों पर ख्वाबो को रोज डाल देते है।।      PYARA BACHPAN... बचपना कितना अच्छा समय होता है। उस बचपन के समय को सोच कर ही हृदय में आनंद आ जाता है। काश वो बचपन का समय पूरे जीवन मे रहता। काश वो माँ की ममता की छाव ,पूरे जीवन मे रहती।  काश माँ- दादा जी के किस्से कहानियां सब जीवन तक रहते। वो बारिश के पानी मे कागज के नाव चलाना।वो एक दूसरे से बिना बात के ही लड़ जाना। वो एक दूसरे को चिढाना। वो पिता,माता,दादा जी की डांट खाना। गलती करके डर से छिप जाना। एवं माँ की वो शिकायते जो दादा जी से करना।       PYARA BACHPAN... यह सब कितना अच्छा समय था।परन्तु ऐसा कुछ ही समय तक रह पाता है। उसके बाद तो जीवन का अर्थ ही बदल जाता है। जैसे ही बच्चे का जन्म होता है। वैसे ही कुछ वर्षों तक तो बहुत अच्छा रहता है। वो बाल्य अवस्था, आनंदमय स्वरूप एवं मस्ती भरा पल रहता है। वो मासूमियत, आश्चर्यमय एवं रहस्यमय जीवन होता है। कितना प...

SVABHAAV

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स्वभाव... BY AMIT ANANT स्वभाव को बदलना बड़ा मुश्किल है। अभाव को समझना बड़ा मुश्किल है। अभाव को समझना आसान होता तो, स्वभाव पर चलना बड़ा मुश्किल है।।      SVABHAAV... एक साधु महात्मा थे वो एक दिन सुबह सुबह नदी के किनारे ध्यान में बैठे थे और जैसे ध्यान लगाए वैसे ही एक बिच्छू आया और महात्मा जी के पाव में डंक मार दिया। महात्मा जी अपने आँख खोल के उस बिच्छू को उठा के थोड़ी दूर में रख दिये और फिर आँख बंद करके ध्यान लगाए। और जैसे ही ध्यान लगाए वैसे ही  दुबारा से बिच्छू आ के पाव में डंक मार दिया। और फिर महात्मा जी आँख खोले और बिच्छू को उठा के दूर कर दिए।      SVABHAAV... ऐसे ही बिच्छू 5 पाँच बार कर चुका अब महात्मा जी के शिष्य ये सब दृश्य देख कर सोच में पड़ गये।आख़िर जब महात्मा जी ध्यान से उठ गए तो एक शिष्य ने हिम्मत करके पूछा..?? गुरुदेव क्षमा कीजियेगा पारन्तु ये बिच्छू आप को बार बार डंक मार रहा था। और आप फिर भी उसको कुछ किये नही बल्कि बार बार अपने से दूर कर देते थे। ऐसा क्यों गुरु जी.?कृपया हमें अपने वाणी से समझाने की कृपा करे।       SVABHAAV... तब गु...

DUSSHERA

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दशहरा... BY AMIT ANANT वो जो राम है। वो जो राम है वो तो ज्ञान के गागर होते है। वो जो राम है वो सम्मान के सागर होते है। प्रभु श्री राम के कदमो पर चलते रहना है, वो जो राम है वो तो कृपा उजागर होते है।। वो जो रावण है। वो जो रावण है उस जैसा कोई ना ज्ञानी था। वो जो रावण है वो तपबल से बुद्धिमानी था। अपने कर्म एवं अहंकारों में बड़ा बलवान था, वो जो रावण है अहंकारी एवं अभिमानी था।।     DUSSHERA... आज विजय दशमी के शुभ अवसर पर सभी के जीवन मे खुशियां आये एवं सभी का जीवन सुखमय एवं आनंदमय रहे यही प्रभु श्री राम के चरणों मे प्रार्थना है।         DUSSHERA.... आज के दिन प्रभु श्री राम जी लंका पर विजय प्राप्त करके असत्य पर सत्य का एवं बुराई पर अच्छाई की जीत हासिल किए और रावण का सँहार किया था।      DUSSHERA... बताया जाता है कि रावण बहुत बड़ा ज्ञानी था और बहुत विद्यवान प्रखर पंडित था और अपने तपोबल से बहुत बुद्ध एवं बल प्राप्त किया था जिसके चलते रावण के हृदय में अंहकार एवं अभिमान का जन्म हुआ जिसके चलते हुए उसके दानवता का प्रसार ज्यादा होने लगा और उसके अहंक...

GARIB KISAN

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गरीब किसान... BY AMIT ANANT मन मे ठान लिया अब सारे फर्ज निभाएंगे। सबसे जान लिया अब सारे कर्ज चुकाएंगे। पिता की लाचारी को देख दर्द हुआ दिल मे, मन से मान लिया अब सारे दर्द चुकाएंगे।।        GARIB KISAN... एक गाँव में ग़रीब रमेश किसान का परिवार था उसके परिवार में उसकी पत्नी उर्मिला और उसकी पूजा बेटी थी जो 10वी में पढ़ती थी और रमेश अपनी खेती में मेहनत करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था।       GARIB KISAN... एक दिन अचानक रमेश की पत्नि उर्मिला की तबियत खराब हो गयी तो उसको अस्पताल लेकर गये। तो पता चला कि उसको कैंसर है।अब डॉक्टर बोले कि रमेश जी आप की पत्नी के इलाज में बहुत पैसा लगेगा अब रमेश के समझ मे नही आ रहा था कि क्या करे।पूजा को उसकी माँ के पास छोड़ कर गाँव के जमीदार के पास गया।     GARIB KISAN... जमीदार बहुत ही गिरा हुआ और लालची इंसान था उसके चंगुल में लगभग पूरे गाँव के किसान फंसे पड़े थे। पर रमेश की मजबूरी थी अब रमेश बोला ठाकुर साहब हमारी पत्नी को बचा लो।जमीदार बोले ठीक है जितना पैसा चाहिए ले जाओ। परन्तु उसके बदले में अपनी सारी जमीन ह...

PRABHU SE PRARTHNA

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       11/02/2019  प्रभु से प्रार्थना... BY AMIT ANANT गुनाहों को सब माफ करना प्रभु तुम से ये सिफारिश है। अपनो को सभी से मिला दे प्रभु तुम से ये गुजारिश है।। थोड़ी थोड़ी सी बातों पर एक दूजे से सब लड़ते है। मानते नही है अपनो की एक दूजे पे सब धरते है। जीते सभी अपनी अकड़ मे बातो को नही समझते है। उलझन में कोई फसता है तब एक दूजे पर हँसते है। मान लो अपनी गलतियों को सब से मेरी गुजारिश है। अपनो को सभी से मिला दे प्रभु तुम से ये गुजारिश है।। यह भूल हो गई मेरे से अपनो को सही मानते है। गलती चाहे अपने की हो हमतो भी नही जानते है। कोई आके बताये हमें तो हम भी नही मानते है। जब होता है बड़ा हादसा तो कैसे सभी जानते है। समझना है हमे कमियों को यही सभी से गुज़ारिश है। अपनो को सभी से मिला दे प्रभु तुम से ये गुजारिश है।। @Amit anant           Delhi M y Insta:- https://www.instagram.com/amit_ananat M y Blog:- https://amitananat.blogspot.com / My twitter:- https://twitter.com/Amitkanant M y Fb Page:- https://www.facebook.com/Amitananatwriter / M y Fb Page:- ht...

AAJ KA SAMAJ

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आज का समाज... BY AMIT ANANT इंसान हो इंसान बन कर रहो भगवान मत बनो। साधारण हो साधारण रहो ज्यादा महान मत बनो।। तुम एक मिटटी के पुतले हो कोई डोर नही। करते तो सब परमात्मा है कोई और नही।। अकड़ अपनी त्याग दो इसी में भलाई है। मौत कब आ जाये यह बड़ी बे वफ़ाई है।।         AAJ KA SAMAJ... आजकल के समय स्थिति को देखते हुए बहुत ज्यादा तकलीफ़ होती है। अब आप स्वयं ही देखिए आज जो मनीषा वाल्मीकि के साथ हुआ है। केल किसी और के साथ होगा और परसो किसी और के साथ होगा।और सोचने वाली बात यह है कि ऐसे रोज रोज जाने कितनी घटनायें होती है। परन्तु कुछ ही घटनाओँ का ही पूरे देश औऱ समाज को पता चल पाता है क्यों कि जिन घटनाओं पर समाज की गतिविधियां ज़्यादा होती है। वही घटनाएं दिखाई जाती है।एवं देखी जाती है।        AAJ KA SAMAJ...   ऐसे दुखद घटनाओं को देखते हुए भी हमारा समाज पूरी तरह मौन साधे बैठा है। वाह रे समाज ,वाह रे सरकारे ,वाह रे माँ भारती के संविधान ,आख़िर माँ भारती के छाती पर और कितना अत्यचार करवाना चाहते है माँ भारती आज खून की आँसू रो रही है। और शायद इस लिए इतनी बड़ी म...

DO MAHAN PURUSO KI JAYANTI

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दो महान पुरषों की जयन्ती... BY AMIT ANANT शास्त्री जी मुगलसराय वाराणसी में जन्म लेके आये थे। शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान नारा लगवाये थे। इनके प्रधानमंत्री बनने से भारत की छवि बदलनी थी, इस लिए शास्त्री जी ने रहस्यमयी तरह की मृत्यु पाये थे।।        DO MAHAN PURUSO KI JAYANTI... आज हमारे भारत देश के दो महान महापुरुषों की जयंती है एक हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी एवं दूसरे हमारे देश के द्वितायी प्रधानमंत्री श्री लाल बहादूर शास्त्री जी का है।      DO MAHAN PURUSO KI JAYANTI... महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 पोरबन्दर गुजरात मे हुआ था महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राज नेता माने जाते थे। संयुक्त राष्ट्र इनके जन्म दिवस को विश्व अहिंसा के रूप में घोषित किया है महात्मा गांधी को लोग बापू के नाम से जानते है और इनको अहिंसा के पुजारी के रूप में भी मानते है महात्मा गांधी को महात्मा की उपाधि रविन्द्र नाथ टैगोर ने दी थी और राष्ट्र पिता की उपाधि सुभाष चन्द्र बॉस ने दी थी।      DO MAHAN PURUSO KI JAYANTI... हमारे देश के द्...

KYA KASOOR US BETI KA

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क्या कसूर उस बेटी का... BY AMIT ANANT जिस भूमि में जन्म हुआ उसको क्यों शर्मशार किये। क्या कसूर था उसका जिसपर तुम अत्याचार किये।। अगर वही नही होती,तो तुम भी कभी नही होते  इस दुनिया मे आने के लिए,जी भर कर तुम रोते तो भी तुमको समझ ना आया तुम कब सुधरोगे आज नही समझे तो एक दिन तुम भी उखड़ोगे इतनी अच्छी भूमि से यह फिर क्यों दुर्व्यवहार किये। जिस भूमि में जन्म हुआ उसको क्यों शर्मशार किये।। दया धर्म ना तुमको आया तुम कैसे इंसान हो तुमको सजा बहुत मिलेगी तुम कैसे हैवान हो  तनिक तरस खाये ना तुम ये सब कुछ करने में नोच नोच के जिस्म खाये तुम डरे नही मरने में अब तो तुमको फाँसी होगी तुम ऐसा व्यवहार किये। जिस भूमि में जन्म हुआ उसको क्यों शर्मशार किये।। तनिक शर्म ना आई तुमको तूने ऐसा काम किया चुल्लूभर पानी मे डूब मरो उसको बदनाम किया वह किसी की बहन बेटी थी यह समझ ना आया ऐसा तुमने काम करके उसका भी दिल दुखाया इतनी अच्छी सूरत लेकर ऐसा क्यों दूरव्यहार किये। जिस भूमि में जन्म हुआ उसको क्यों शर्मशार किये।। @Amit anant         Delhi M y Insta:- https://www.instagram.com/amit_ananat M...

AMAR SAHID BHAGAT SINGH

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अमर शहीद भगत सिंह... BY AMIT ANANT  माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे। ************************** आजादी के लिए हँस के फाँसी झूले थे आजादी के लिए हँस के गम को भूले थे आजादी के लिए हँस के घर को भूले थे भगत सिंह देश को आजाद कराने आये थे। माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।। आज ही भगत सिंह इस धरा पर आये थे देश के आजादी के लिए वो जान गवाये थे वीर की फाँसी सुनके देश ने आँसू बहाये थे आजादी के लिए अपनी जान गवाने आये थे। माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।। आजादी के लिए सालों जेल में बिताए थे अपना एवं नवजवानों का जोश बढ़ाये थे अपने कर्तव्यों से अंगेजो के होश उड़ाए थे आजादी के लिये सबको समझाने आये थे। माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।। जन जन से इंकलाब के नारे लगवाये थे अंग्रेजों को दिन में ही तारे दिखलाये थे अपने लहु का एक एक कतरा बहाये थे देश के लिए प्राणों की बलि चढ़ाने आये थे। माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।। धर्म उनका यही बस सेवा देश की करना आजादी के लिए ही केवल देश मे मरना सबसे वो कहते थे नही अंग्रजो से डरना अपने वतन के लिए वो जान गवाने आये थे। माँ भारती के चरणों...

BITIYA HAMARI PYARI HAI

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बिटिया हमारी प्यारी है... BY AMIT ANANT बिटिया मेरी एक गुड़िया है। प्यारी सी जादू की पुड़िया है। एकदम खुशियों में गुडिया है। मन की भोली दुलारी है। बिटिया हमारी प्यारी है।। हँसने से उसके फूल बरसते। एक हँसी को हमसब तरसते। रोने से उसके बादल बरसते। पापा की राज दुलारी है। बिटिया हमारी प्यारी है।। बेटी से ही खुशियां रहती है। घर मे जब बिटिया रहती है। आँगन में खुशियां बहती है। खुशियों में सबसे न्यारी है। बिटिया हमारी प्यारी है।। बिटिया से आँगन खिलता है। बेटी से माँ का प्रेम मिलता है। मातपिता का मन खिलता है। बेटियां होती संस्कारी है। बिटिया हमारी प्यारी है।। बेटी पिता की शान होती है। ममता की पहचान होती है। हर घर की सम्मान होती है। बेटियां सब की दुलारी है। बिटिया हमारी प्यारी है।। हरदम आँगन महकाती है। हाथों से आँगन सजाती है। खुशबू से घर महकाती है। बेटी आँगन की प्यारी है। बिटिया हमारी प्यारी है।। पढ़ लिख कुछ बन जाती है। कुछ बनके वो दिखलाती है। सब का जीवन महकाती है। बेटियां सब को प्यारी है। बिटिया हमारी प्यारी है।। वो रोती है और रूलाती है। वो हँसती है और हँसाती है। वो पढ़ती है और पढाती है। वो जीवन की ...

VIPRIT PARISTHTI

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विपरीत परिस्थिति... BY AMIT ANANT             VIPRIT PARISTHTI... इंसान की बड़ी अजीब मनोवृत्ति है प्राकृतिक के बनाये हुए नियमो के माध्यम से हर एक वस्तु को समय के अनुसार एवं आवश्यकता अनुसार उपयोग में लाना चाहिए। परन्तु इंसान हर एक वस्तु को अपने नियमानुसार एवं विपरीत समय एवं माध्यम से इस्तेमाल करते है और सदैव ही इंसान उल्टे तरह से ही कार्य करते है।       आइये देखते है कैसे...? कपड़े तन ढकने के लिए होते है, दिखाने के लिए नही।... परन्तु दिखाया जाता है। पैसा जरूरत के लिए होता है, रखने के लिए नही।... परन्तु सदैव रखा जाता है। इंसान इंसानियत के लिए होते है, खुदगर्जी के लिए नही।... परन्तु खुदगर्जी होते है। पूजा पाठ ईस्वर के लिए होते है, धन दौलत के लिए नही।... परन्तु धन दौलत के लिए करते है। आग उजाले के लिए होती है, लगाने के लिए नही।... परन्तु लगाया जाता है। पानी पीने के लिए होता है, फैलाने के लिए नही।... परन्तु फैलाया जाता है। फूल खुशबू के लिए होते है, तोड़ने के लिए नही।... परन्तु तोड़ा जाता है। वादे निभाने के लिए होते है, तोड़ने के लिए नही।... परन्तु ...

MAHIMA DHAI AKSHAR KI

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महिमा ढाई अक्षर की...   BY AMIT ANANT शुरू भी ढाई अक्षर से होता है। खत्म भी ढाई अक्षर से होता है।। ढाई अक्षर में साँस भी है ढाई अक्षर में आस भी है ढाई अक्षर से प्यार भी है ढाई अक्षर से तकरार भी है ढाई अक्षर में संसार भी है ढाई अक्षर में व्यपार भी है ढाई अक्षर में मित्र भी है ढाई अक्षर में शत्रु भी है ढाई अक्षर के भक्त है ढाई अक्षर के वक्त है ढाई अक्षर में संत है ढाई अक्षर में अंत है ढाई अक्षर में जन्म है ढाई अक्षर में मृत्यु है ढाई अक्षर की ऋण है ढाई अक्षर की घृणा है ढाई अक्षर की सत्य है ढाई अक्षर की तत्त्व है ढाई अक्षर की धर्म है ढाई अक्षर की कर्म है ढाई अक्षर का प्रेम है ढाई अक्षर की फेम है ढाई अक्षर में पुण्य है ढाई अक्षर में शून्य है ढाई अक्षर की भक्ति है ढाई अक्षर की शक्ति है ढाई अक्षर में पाप है ढाई अक्षर में जाप है ढाई अक्षर की प्रीत है ढाई अक्षर की रीति है ढाई अक्षर में नर्म है ढाई अक्षर में शर्म है ढाई अक्षर की मोह है ढाई अक्षर की लोभ है ढाई अक्षर की क्रोध है ढाई अक्षर की बोध है ढाई अक्षर में मान है ढाई अक्षर में दान है यह ढाई अक्षर की महिमा को, कोई समझ ना पाया है। जो समझ ...

EHSAS USKI BAATON KA HOTA HAI

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एहसास उसकी बातों का होता है... BY AMIT ANANT शायद वो भूल गयी है मुझको शायद वो कोई और मिला है उसको शायद समय नही मिला उसको एहसास उसकी मुलाकातों का होता है। एहसास उसकी बातों का होता है।। शायद अपने कामो से मजबूर है शायद अपनो के कारण मजबूर है शायद उसके घर मे सभी है एहसास उसकी यादों का होता है। एहसास उसकी बातों का होता है।। शायद कोई कल्पना में खोई है शायद अभी विस्तर पर ही सोई है शायद वो रात भर यादों में रोई है क्यों कि मेरे एहसास बातो का होता है। एहसास उसकी बातों का होता है।। क्या पता किस हाल में वो होगी क्या पता किस ख्याल में वो होगी क्या पता किसके मलाल में वो होगी उसके सवालो की हर बात का होता है। एहसास उसकी बातों का होता है।। आख़िर वो भी तो प्यार करती है आख़िर वो भी तो हमें ऐतवार करती है आख़िर वो भी तो इज़हार करती है हर पल एहसास यादों का होता है। एहसास उसकी बातों का होता है।। @Amit anant           Delhi M y  Insta:- https://www.instagram.com/amit_ananat M y  Blog:- https://amitananat.blogspot.com / My twitter:- https://twitter.com/Amitkanant M y  Fb Page:...

MAHIMA VISHWAKARMA KI

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महिमा विश्वकर्मा की... BY AMIT ANANT विश्वकर्मा भगवान की महिमा महान है। सभी कला कृतियों की अद्भुत ज्ञान है।। विश्वकर्मा ने सोने की लंका बनाए है। सभी देवता की मन संका मिटाए है।। विश्वकर्मा ने सबके वाहन बनाये है। वाहन बना के आकाश में उड़ाए है।। विश्वकर्मा की महिमा से हर एक समान है। सभी कला कृतियों की अद्भुत ज्ञान है।। सृष्टि सृजित कर्ता नाम है तुम्हारा। सभी देवताओं को काम है तुम्हारा।। ज्ञान बुद्धि सौरभ से रचना किये हो। बल बुद्धि गौरव से सबको दिए हो।। आप की गौरव की सभी तरफ मान है। सभी कला कृतियों की अद्भुत ज्ञान है।। अपने कला कृतियों से काम सारे करते। सभी देवी देवताओं के सेवा में रहते।। जब जो बोलते है निर्माण सब करते। सब की इच्छाओं को मान सब करते।। आप की सेवाओं से सब का गुण गान है। सभी कला कृतियों की अद्भुत ज्ञान है।। देव शिल्पी जगत के निर्माता प्रधान है। सभी देवताओं में आप तो महान है।। आप ने हर वस्तु का विस्तार किया है। आप ने हर चाह को स्वाभिकार किया है।। आप के कर कमलों से विस्तार तो महान है। सभी कला कृतियों की अद्भुत ज्ञान है।। शिल्प ज्ञान के आप धारक बने है। अपने शुद्व ज्ञान से संचारक ब...

KHWAHISH

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ख्वाहिश... BY AMIT ANANT गैर दुश्मन नही सिर्फ अपने होते है। भला अपनो से हो ये सपने होते है। ये सत्य एहसास आज के समय का, आगे बढ़ने के लिए भी तपने होते है।।     KHWAHISH... आजकल के समय मे लोग ख्वाहिशे बहुत सारी रखते है जो कि देखा जाए तो लोगो की उतनी हिम्मत भी नही होती है परन्तु ख्वाहिशे बहुत बड़ी बड़ी होती है किसी भी इंसान को देख लो सभी की ख्वाहिशो की सूची बहुत लंबी होती है बेसक वो ख्वाहिशे पूरी हो या ना हो परन्तु उनकी सूची बहुत बड़ी होती है। ख्वाहिशे बहुत सारे रखते है कोई प्रेम में रखता है, तो कोई धन दौलत में रखता है, तो कोई एक दूसरे को नीचा दिखाने में रखता है परन्तु ख्वाहिशो को केवल वही पूरा कर पाता है जो हृदय से और अपने आर्थक प्रयासों के माध्यम कड़ी मेहनत करता है वही अपने ख्वाहिश को पूरा कर पाते है। ख्वाहिशे ही ख्वाहिश नहीं होती, उन ख्वाहिशो को तुम समझो। ख्वाहिशो से बस रोशनी नही होती, उन रोशनी को तुम समझो। चाहत से खुद ही रोशन नही होती, उन चाहतो को तुम समझो। चाहने से खुशियों के भाव नही होती, उन हृदय के भाव तुम समझो। तेरी चाहत से ख्वाहिशे पूरी नही होती, उन चाहतो के लगाव को समझो...

HINDI HI HIND HAI

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हिन्दी ही हिन्द है... BY AMIT ANANT जो हिंदुस्तान में जन्म लिया है उसकी हिन्दी भाषा है। सब देवी देवता तरस रहे है यह उनकी अभिलाषा है।। हिन्दी सुर ताल में बड़ी मिठास है। हिन्दी सदैव बोले यही प्रयास है।। हिन्दी मे मधुर गीत सभी गाते है। हिन्दी मे मधुर प्रेम रीत लुभाते है।। हिन्दी मे पंछी- कोयल की सुर ताल देखना आता है। सब देवी देवता तरस रहे है यह उनकी अभिलाषा है।। हिन्दी जैसे सरल कोई भाषा नही है। हिन्दी के सामने कोई आता नही है।। हिन्दी बड़ी अनमोल एक वाणी है। हिन्दी बड़ी प्रेम मधुर एक वाणी है।। ऐसे प्रेम मधुर वाणी निकले सदा ये मेरी अभिलाषा है। सब देवी देवता तरस रहे है यह उनकी अभिलाषा है।। हिन्दी हमारे लहूँ में हरदम रहती है। हिन्दी हमारे लब्जो से यह कहती है।। हिन्दी को हम सब लिखते रहते है। हिन्दी में सारे काम करो ये कहते है।। हिन्दी हमारे वाणी से निकले सदा यही हमारी आशा है। सब देवी देवता तरस रहे है यह उनकी अभिलाषा है।। हिन्दी जैसा कोई सुन्दर लेख नही है। हिन्दी जैसा कोई भी सुलेख नही है।। हिन्दी जैसा कोई सुन्दर रचना नही है। हिन्दी जैसा कोई सुन्दर वचना नही है।। हिन्दी हमारे जीवन अधिकार ही हमारी परि...

DHAIRYE

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धैर्य... BY AMIT ANANT जीवन मे धैर्य को रखने से, असानी से दुःख पार होता है। मुसीबत कितनी भी बड़ी हो, मनुष्य का उद्धार होता है।।      DHAIRYE... धैर्य एक ऐसी सामाग्री है जिसको रखने वाला मनुष्य आत्म विश्वास की नाव पर सवार हो कर मुसीबत की हर एक नदी को सफलतापूर्वक पार कर लेता है। और जीवन को सही एवं सुखमय रूप से जीता है। पर आजकल के समय मे लोगों में धैर्य की बहुत बड़ी कमी होती जा रही है।    DHAIRYE... इस लिए  धैर्य नही होने के वजह से लोग मानवता के हद को पार करते जा रहे है और सब कुछ समझते हुए भी लोग अपने आप को धैर्यता से जीने की कोशिश नही कर पाते है जो कि यह बात सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। और इस बात समाज के ऊपर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ रहा है।        DHAIRYE... आजकल के लोगों में जो धैर्य खोता जा रहा है उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों में आत्मविश्वास की बहुत बड़ी  कमी एवं कुछ ज्यादा ही होती जा रही है। क्यों कि आज कल लोगों के पास सब कुछ है परन्तु समय एवं धैर्य नही है जो कि यह दोनों हर एक मनुष्य के जीवन मे बहुत जरूरी है। लेकिन कि...