DHAIRYE

धैर्य...

BY AMIT ANANT

जीवन मे धैर्य को रखने से,

असानी से दुःख पार होता है।

मुसीबत कितनी भी बड़ी हो,

मनुष्य का उद्धार होता है।।

    DHAIRYE...धैर्य एक ऐसी सामाग्री है जिसको रखने वाला मनुष्य आत्म विश्वास की नाव पर सवार हो कर मुसीबत की हर एक नदी को सफलतापूर्वक पार कर लेता है। और जीवन को सही एवं सुखमय रूप से जीता है। पर आजकल के समय मे लोगों में धैर्य की बहुत बड़ी कमी होती जा रही है।

   DHAIRYE...इस लिए धैर्य नही होने के वजह से लोग मानवता के हद को पार करते जा रहे है और सब कुछ समझते हुए भी लोग अपने आप को धैर्यता से जीने की कोशिश नही कर पाते है जो कि यह बात सामाजिक दृष्टिकोण से बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। और इस बात समाज के ऊपर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ रहा है।

      DHAIRYE...आजकल के लोगों में जो धैर्य खोता जा रहा है उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों में आत्मविश्वास की बहुत बड़ी  कमी एवं कुछ ज्यादा ही होती जा रही है। क्यों कि आज कल लोगों के पास सब कुछ है परन्तु समय एवं धैर्य नही है जो कि यह दोनों हर एक मनुष्य के जीवन मे बहुत जरूरी है। लेकिन किसी के जीवन मे आज के समय मे नही है जिसकी वजह से लोगो मे धैर्य की कमी होती जा रही है।

      DHAIRYE...और होगी भी कैसे नही क्यों कि आज के समय मे लोग पूजा, पाठ, प्रार्थना, एवं ध्यान (मेडिटेशन) के लिए थोड़ा सा भी समय नही निकालते है और थोड़ा बहुत समय निकाल के अगर पूजा, पाठ,एवं ध्यान करते भी है तो वहाँ पर भी ईस्वर से कुछ ना कुछ पाने की ही चाह रख कर ही करते है जो कि बिल्कुल गलत है जब कि सही मायने में अगर पूजा,पाठ ,प्रार्थना, एवं ध्यान ठीक प्रकार से किया जाए तो हम सभी को आत्मबल मिल जाता है।

         DHAIRYE...जैसे इस शरीर को चलाने के लिए ईधन रूपी भोजन लिया जाता है। ठीक उसी प्रकार से भीतर जो ऊर्जा (आत्मा) जो कि परमात्मा का अंश है। उसको भी ईंधन होता है जैसे शरीर के लिए भोजन होता है। ठीक वैसे ही आत्मा के लिए पूजा,पाठ,प्रार्थना, एवं ध्यान जरूरी होता है परन्तु लोग इन बातों को नही समझना चाहते है और यही कारण है कि लोगो मे आत्मबल की कमी होती जा रही है।

भोजन शरीर को मिल जाता है,पर आत्मा को नही मिल पाता है।

भोजन पाकर शरीर खिल जाता है,पर आत्मा नही खिल पाता है।

जो भी खिलने का जिसका उमर है उसका खिलना नही हो पाता,

भोजन पाकर तन-मन हिलता है पर चैतन्य नही हिल पाता है।।

      DHAIRYE...अब ज्यादातर लोग शरीर को पूर्ण मात्रा में भोजन तो देते है परन्तु परमात्मा के अंश,आत्मा को कोई भी भोजन नही दिया जाता है और जिसके कारण से शरीर अच्छे है परन्तु आत्मबल सोच समझ अच्छी नही है और यही कारण होता है कि लोगों  को किसी बात को समझने में परेशानी होती है और धैर्य नही होने से उस बात को लेकर टूट जाते है और जब आत्मविश्वास ही नही होगा तो लोगो मे तो धैर्य कैसे और कहाँ से आएगा और आत्मबल की कमी से ही छोटी सी छोटी बातों को समझने की कोशिश नही कर पाते है जिसके वजह से धैर्य रख नही पाते है।और अपना आपा खो देते है और कुछ ऐसे कर जाते है जिसकी उम्मीद किसी को भी नही होती है इस लिए धैर्य मनुष्य के जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग होता है। 

      DHAIRYE...इस लिए धैर्य जीवन मे होना बहुत ही अनिवार्य होता है परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि आजकल के लोगो के जीवन मे धैर्य बिलकुल भी नही है परन्तु मनुष्य कोशिश करे तो अपने नित क्रिया के अनुसार अपने जीवन मे धैर्य ला सकता है। लेकिन धैर्य को लाने के लिए नित नियम संयम से जीवन को जीना  पड़ेगा और साथ मे नियमित अपने कृत्यों के माध्यम से अपने भीतर ज्ञान, धैर्य,समझ, सब कुछ ला सकता है। परन्तु दुर्भाग्य की बात तो यह है कि लोगों के पास नित नियमित एवं संयमित जीवन जीने का समय ही नही है और ना ही पूजा,पाठ, प्रार्थना, एवं ध्यान के लिए समय है।

    DHAIRYE...हर इंसान अपने जीवन मे इतनी ज्यादा भाग दौड में लगा रहता है कि उसको समय ही नही मिल पाता है और ऐसे ही विषम परिस्थितियों के चलते ही इंसान अपने जीवन को सही तरह नही जी पाता है और ना ही अपने जीवन मे धैर्य रख पाता है।

धैर्य नही रखने से छोटी सी बातो पर लड़ते है।

धैर्य नही रखने से अपनी हालातो पर लड़ते है।

जिन लोगो के ज़िन्दगी में धैर्य की कमी है वो,

धैर्य नही रखने से अपने जज्बातों पर लड़ते है।।

     DHAIRYE...धैर्य के कमी के कारण अक्सर देखने को मिलता है कि लोग छोटी छोटी बातों को लेकर लड़ जाते है जैसे कहीं जा रहे है और अचानक किसी कारण बस किसी के गाड़ी में हल्का सा छू गयी उनकी वाहन एक दूसरे से लड़ गयी हो भले ही नुकसान बड़ा नही हो तो लोग इतने उतावले हो जाते है कि एक दूसरे से लड़ने झगड़ने लगते है और लड़ाई इतनी ज्यादा कर लेते है कि एक दूसरे के छोटी सी नुकसान को लेकर बहुत बड़ी मुसीबत खड़ी कर लेते है पुलिस में मामला तक चला जाता है और फिर उस छोटी सी झगड़े को लेकर कोट कचेहरी तक जाना पड़ जाता है और सालों केश चलता है और फिर जा कर छुटकारा मिलता है।

         DHAIRYE...जब कि जो होना था वह तो हो चुका है।परन्तु धैर्य नही होने की वजह से ही उस बात को समझ में नही आता है। इस लिए हर एक मनुष्य के जीवन मे धैर्य का होना बहुत जरूरी होता है।

    DHAIRYE...जैसा कि आप सभी ने पढ़ा कि धैर्य का जीवन मे नही होना कितना दर्दनाक बात है इस लिए सभी अपने जीवन मे धैर्य रखने की कोशिश करे। और साथ मे हर छोटी सी छोटी बातों को समझने की कोशिश करे ताकि आप सभी का जीवन सुखमय एवं आनंदमय तरह से चलता रहे।

      DHAIRYE...साथियों यह धैर्य का लेख कैसे लगा आप सभी को इसके बारे में कमेन्ट के माध्यम से बताने की कृपा करें। और साथ मे अपना शुभशीष देने की कृपा करें। और साथ जाने अनजाने से हमारी लेख एवं शब्दों द्वारा अगर किसी मित्र को कोई पीड़ा हुई हो तो उसके लिए हमे क्षमा कीजिएगा।

                             "धन्यवाद"

@Amit anant
       Delhi

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