MAHIMA DHAI AKSHAR KI
महिमा ढाई अक्षर की...
BY AMIT ANANT
शुरू भी ढाई अक्षर से होता है।
खत्म भी ढाई अक्षर से होता है।।
ढाई अक्षर में साँस भी है
ढाई अक्षर में आस भी है
ढाई अक्षर से प्यार भी है
ढाई अक्षर से तकरार भी है
ढाई अक्षर में संसार भी है
ढाई अक्षर में व्यपार भी है
ढाई अक्षर में मित्र भी है
ढाई अक्षर में शत्रु भी है
ढाई अक्षर के भक्त है
ढाई अक्षर के वक्त है
ढाई अक्षर में संत है
ढाई अक्षर में अंत है
ढाई अक्षर में जन्म है
ढाई अक्षर में मृत्यु है
ढाई अक्षर की ऋण है
ढाई अक्षर की घृणा है
ढाई अक्षर की सत्य है
ढाई अक्षर की तत्त्व है
ढाई अक्षर की धर्म है
ढाई अक्षर की कर्म है
ढाई अक्षर का प्रेम है
ढाई अक्षर की फेम है
ढाई अक्षर में पुण्य है
ढाई अक्षर में शून्य है
ढाई अक्षर की भक्ति है
ढाई अक्षर की शक्ति है
ढाई अक्षर में पाप है
ढाई अक्षर में जाप है
ढाई अक्षर की प्रीत है
ढाई अक्षर की रीति है
ढाई अक्षर में नर्म है
ढाई अक्षर में शर्म है
ढाई अक्षर की मोह है
ढाई अक्षर की लोभ है
ढाई अक्षर की क्रोध है
ढाई अक्षर की बोध है
ढाई अक्षर में मान है
ढाई अक्षर में दान है
यह ढाई अक्षर की महिमा को,
कोई समझ ना पाया है।
जो समझ गया इस महिमा को,
@Amit anant
Delhi
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