AMAR SAHID BHAGAT SINGH

अमर शहीद भगत सिंह...

BY AMIT ANANT

 माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।

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आजादी के लिए हँस के फाँसी झूले थे

आजादी के लिए हँस के गम को भूले थे

आजादी के लिए हँस के घर को भूले थे

भगत सिंह देश को आजाद कराने आये थे।

माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।।


आज ही भगत सिंह इस धरा पर आये थे

देश के आजादी के लिए वो जान गवाये थे

वीर की फाँसी सुनके देश ने आँसू बहाये थे

आजादी के लिए अपनी जान गवाने आये थे।

माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।।


आजादी के लिए सालों जेल में बिताए थे

अपना एवं नवजवानों का जोश बढ़ाये थे

अपने कर्तव्यों से अंगेजो के होश उड़ाए थे

आजादी के लिये सबको समझाने आये थे।

माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।।


जन जन से इंकलाब के नारे लगवाये थे

अंग्रेजों को दिन में ही तारे दिखलाये थे

अपने लहु का एक एक कतरा बहाये थे

देश के लिए प्राणों की बलि चढ़ाने आये थे।

माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।।


धर्म उनका यही बस सेवा देश की करना

आजादी के लिए ही केवल देश मे मरना

सबसे वो कहते थे नही अंग्रजो से डरना

अपने वतन के लिए वो जान गवाने आये थे।

माँ भारती के चरणों मे शीश चढ़ाने आये थे।।

@Amit anant
         Delhi

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