GARIB KISAN

गरीब किसान...

BY AMIT ANANT

मन मे ठान लिया अब सारे फर्ज निभाएंगे।
सबसे जान लिया अब सारे कर्ज चुकाएंगे।
पिता की लाचारी को देख दर्द हुआ दिल मे,
मन से मान लिया अब सारे दर्द चुकाएंगे।।

       GARIB KISAN...एक गाँव में ग़रीब रमेश किसान का परिवार था उसके परिवार में उसकी पत्नी उर्मिला और उसकी पूजा बेटी थी जो 10वी में पढ़ती थी और रमेश अपनी खेती में मेहनत करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था।
      GARIB KISAN...एक दिन अचानक रमेश की पत्नि उर्मिला की तबियत खराब हो गयी तो उसको अस्पताल लेकर गये। तो पता चला कि उसको कैंसर है।अब डॉक्टर बोले कि रमेश जी आप की पत्नी के इलाज में बहुत पैसा लगेगा अब रमेश के समझ मे नही आ रहा था कि क्या करे।पूजा को उसकी माँ के पास छोड़ कर गाँव के जमीदार के पास गया।
    GARIB KISAN...जमीदार बहुत ही गिरा हुआ और लालची इंसान था उसके चंगुल में लगभग पूरे गाँव के किसान फंसे पड़े थे। पर रमेश की मजबूरी थी अब रमेश बोला ठाकुर साहब हमारी पत्नी को बचा लो।जमीदार बोले ठीक है जितना पैसा चाहिए ले जाओ। परन्तु उसके बदले में अपनी सारी जमीन हमारे पास गिरवी रखनी पड़ेगी। अब रमेश के पास कोई रास्ता नही था सारी ज़मीन गिरवी रख कर पैसा लेकर गया।
       GARIB KISAN...रमेश डॉक्टर के पास वापस गया और पैसे दिए डॉक्टर ने इलाज चालू कर दिया धीरे धीरे करके महीनों लग गया उर्मिला ठीक नही हो पाई। अब रमेश भी हार गया था।और सारे पैसे भी खत्म हो गया था। करीब 45 दिन तक इलाज चला और इतने ही भीतर से डॉक्टर आ कर बोलते है कि रमेश जी हम आप की पत्नी को बचा नही पाये। डॉक्टर की बात सुन कर मानो रमेश के पाँव के नीचे से जमीन हट गयी। ख़ैर जैसे तैसे करके रमेश अपने आप को समालते हुए उर्मिला को ला कर अंतिम संस्कार किया।
       GARIB KISAN...अब रमेश के पास खेती भी नही बच पायी थी।अब रमेश रोज रोज मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से पूजा की देखभाल कर पाता था। इधर पूजा पिता की हालत देख कर बहुत चिंतित हुई और अपने हृदय में प्रण लिया कि हमको कुछ करना है। ताकि हम अपनी सारी जमीन उस जमीदार से छुड़ा ले। और अपने पिता का नाम रोशन करें। और पूजा दिन रात मेहनत करके पढ़ने लगी और 12वी में 99 प्रतिशत लेकर आई। अब रमेश की आंखों में चमक आ गयी।
     GARIB KISAN...अब पूजा की आगे की पढ़ाई के लिए सरकार उसकी सहायता करने लगी। और देखते ही देखते पूजा एक अधिकारी बन गयी। और सारी कामयाबी का श्रेह अपने पिता रमेश को दिया। और रमेश जो कि एक गरीब किसान था उसके जीवन मे खुशिया वापस आ गयीं।

      GARIB KISAN...प्यारे मित्रो समझने वाली बात यही है कि जीवन मे हर प्रकार के दुख सुख सब आता है परन्तु कभी हार नही माननी चाहिए वो बोलते है ना...अगर हौसला बुलंद हो तो कामयाबी कदम चूमती है।
धन्यवाद

@Amit anant
          Delhi

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