AAJ KA SAMAJ

आज का समाज...

BY AMIT ANANT

इंसान हो इंसान बन कर रहो भगवान मत बनो।

साधारण हो साधारण रहो ज्यादा महान मत बनो।।

तुम एक मिटटी के पुतले हो कोई डोर नही।

करते तो सब परमात्मा है कोई और नही।।

अकड़ अपनी त्याग दो इसी में भलाई है।

मौत कब आ जाये यह बड़ी बे वफ़ाई है।।

        AAJ KA SAMAJ...आजकल के समय स्थिति को देखते हुए बहुत ज्यादा तकलीफ़ होती है। अब आप स्वयं ही देखिए आज जो मनीषा वाल्मीकि के साथ हुआ है। केल किसी और के साथ होगा और परसो किसी और के साथ होगा।और सोचने वाली बात यह है कि ऐसे रोज रोज जाने कितनी घटनायें होती है। परन्तु कुछ ही घटनाओँ का ही पूरे देश औऱ समाज को पता चल पाता है क्यों कि जिन घटनाओं पर समाज की गतिविधियां ज़्यादा होती है। वही घटनाएं दिखाई जाती है।एवं देखी जाती है। 

      AAJ KA SAMAJ... ऐसे दुखद घटनाओं को देखते हुए भी हमारा समाज पूरी तरह मौन साधे बैठा है। वाह रे समाज ,वाह रे सरकारे ,वाह रे माँ भारती के संविधान ,आख़िर माँ भारती के छाती पर और कितना अत्यचार करवाना चाहते है माँ भारती आज खून की आँसू रो रही है। और शायद इस लिए इतनी बड़ी महामारी का प्रकोप दिखा रही है। फिर भी अँधे हो कर समाज,संविधान काम कर रही है। क्षमा करना माँ भारती,, लोग आप की हृदय की पीड़ा को समझना नही चाहते है लोगों को केवल स्वार्थ ,धन ,सत्ता एवं कुर्सी की लालसा है।अरे थोड़ी तो लज्जा आनी चाहिए माँ भारती और अपनी बहनों एवं बेटियों के प्रति थोड़ा तो शर्म कीजिये। 

      AAJ KA SAMAJ...आखिर कब समझोगे कि स्वयं ही सब कुछ करना पड़ता है कोई और कुछ भी नही करेगा क्योंकि आजकल मानवता को पूर्ण रूप से शर्मसार किया जा रहा है। जो कि आज के समय मे मानवता से ज्यादा बड़ा जातिवाद हो गया है। ऐसे समाज, ऐसे राजनीति और क़ानून व्यवस्था से आख़िर क्या उम्मीद किया जा सकता है। अरे दिखाने के लिए रामायण ,भागवत गीता,योगा, ध्यान, पूजा पाठ क्यों करते हो..? जब सत्य नही बोल सकते हो तो आडंबर क्यों करते हो वैसे बोलते हो कि हमारी संस्कृति और हमारा संस्कार सब अच्छे है परन्तु किसी जुर्म पर या किसी पाप पर या किसी की गलती पर क्यों नही बोलना चाहते है आख़िर क्यों..? 

      AAJ KA SAMAJ...जब से कोरोना जब से आया तब से थोड़ा मानवता दिखाई दी परन्तु उसमे भी लोग जो सेवा किये 2 या 4 भूखे को खाना खिलाये तो उसमें भी फोटोशूट किये गए है ताकि झूठी बे बुनियादी लोगों को दिखा कर वाह वाही लूटी जा सके।अरे शर्म नही आई ,कि किसी भूखे को 2 रोटी दे रहे हो तो उसका भी दिखावा कर रहे हो कैसे इंसान हो कुछ तो समझो क्यो दिखावे के चक्कर मे अपने आप को शर्मिंदा कर रहे हो।

      AAJ KA SAMAJ...वैसे बोलते हो ,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ,ऐसे ही बेटी बचाओगे , ऐसे ही बेटी पढ़ाओगे,अनगिनत ऐसे मामले हुए है और हो भी रहे है परन्तु किसी सरकार या समाज को क्या लेना देना है। कौन सी उनकी बहन बेटियों के साथ ऐसा हो रहा है। और क्यों बेटी दिवस मनाते हो...?,क्यों बेटियों को पढ़ाते हो..? , क्यों बेटी बचाओ का नारा लगवाते हो....? आख़िर... क्यों...????

      AAJ KA SAMAJ...खुलेआम बेटियों की अस्मिता लूटी जाती है। और उसकी जान बचाने की बाज़ी लगती है और बेटियों के साथ हो रहे जघन्य अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश भी नही किया जाता है।औऱ जो थोड़े बहुत लोग आवाज़ उठाते है उनको भी नही आवाज उठाने दिया जाता है।आख़िर क्यों....???

     AAJ KA SAMAJ...अब ऐसे सोचने और समझने वाली बात यह है कि हम उन लोगों से अपेक्षा करते है। जिसका कोई अस्तित्व नही है , जिसका ज़मीर तक नही है ,ऐसे समाज एवं ऐसे नेता मंत्रियों से अपेक्षा रखते है। कहाँ से न्याय मिलेगा। पूरी की पूरी संविधान ही और पूरे के पूरे समाज ही नही देखना एवं सोचना चाहती है तो क्या कर सकते हो। और साथ मे लोग समाज को दिखाने के लिए एकता की बात करते हैं। लेकिन हम शायद यह भूल गयें हैं कि जातिवाद से पहले मानवता आती है।

      AAJ KA SAMAJ...अरे इतना तो सोचो कि कल को अपने अस्तित्व को क्या जवाब दोगे कम से कम एक मनुष्य बन के सोचो और धर्म और जाति को परे रखकर सब एक जुट होकर सोचो कि केवल ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाओ जो देश को दिन प्रतिदिन पतन की राह पर ले जा रहा है।

     AAJ KA SAMAJ...आज के समय मे नही बोलोगे,आज के समय मे आवाज नही उठाओगे तो आने वाले समय मे बहुत ही भयानक परिणाम के साथ आएगा। और एक बात आज उस बेटी की बारी थी कहीं ऐसा न हो कि अगली बारी आपकी बहन या बेटी का ऐसा आये। तो उस समय सोचने और पछताने के शिवा कुछ नहीं रहेगा।

       AAJ KA SAMAJ...हम पूछना चाहते है आज के समाज से , आज के संविधान से ,आज के न्याय से , कि क्या कोई ऐसा क़ानून नही पास किया जा सकता है..??? बेटियों के प्रति जिस कानून के तहत दोषी को पकड़ते के साथ ही तुरन्त मौत दी जा सके या उस दोषी की एक हाथ,एक पाव,एक आँख,एवं एक कान काट के तत्काल सज़ा दिया जा सके। ऐसा क्यों नही किया जा सकता है...? क्यों...?  कोई संविधान लागू क्यों नही किया जा रहा है खास करके सब बहन बेटियों के लिए ..?? और अगर ऐसा किया जा सकता है तो तत्काल किया जाना चाहिए तब जा कर ऐसे दरिंदों के मन मे भय का जन्म होगा।

     AAJ KA SAMAJ...प्यारे मित्रो हमारी इस लेख के माध्यम से किसी को कोई ठेस पहुचा हो या किसी के हृदय को पीड़ा हुई हो तो उसके लिए हमे अपना छोटा भाई या मित्र समझ के हमे क्षमा करें।

       धन्यवाद

@Amit anant
        दिल्ली

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