KHWAHISH
ख्वाहिश...
BY AMIT ANANT
गैर दुश्मन नही सिर्फ अपने होते है।
भला अपनो से हो ये सपने होते है।
ये सत्य एहसास आज के समय का,
आगे बढ़ने के लिए भी तपने होते है।।
KHWAHISH...आजकल के समय मे लोग ख्वाहिशे बहुत सारी रखते है जो कि देखा जाए तो लोगो की उतनी हिम्मत भी नही होती है परन्तु ख्वाहिशे बहुत बड़ी बड़ी होती है किसी भी इंसान को देख लो सभी की ख्वाहिशो की सूची बहुत लंबी होती है बेसक वो ख्वाहिशे पूरी हो या ना हो परन्तु उनकी सूची बहुत बड़ी होती है। ख्वाहिशे बहुत सारे रखते है कोई प्रेम में रखता है, तो कोई धन दौलत में रखता है, तो कोई एक दूसरे को नीचा दिखाने में रखता है परन्तु ख्वाहिशो को केवल वही पूरा कर पाता है जो हृदय से और अपने आर्थक प्रयासों के माध्यम कड़ी मेहनत करता है वही अपने ख्वाहिश को पूरा कर पाते है।
ख्वाहिशे ही ख्वाहिश नहीं होती,
उन ख्वाहिशो को तुम समझो।
ख्वाहिशो से बस रोशनी नही होती,
उन रोशनी को तुम समझो।
चाहत से खुद ही रोशन नही होती,
उन चाहतो को तुम समझो।
चाहने से खुशियों के भाव नही होती,
उन हृदय के भाव तुम समझो।
तेरी चाहत से ख्वाहिशे पूरी नही होती,
उन चाहतो के लगाव को समझो।।
KHWAHISH...अपने किसी भी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत की जरूरत पड़ती है और उसमें भी बहुत सारी रुकावटे आती है और वो रुकावटें बाहर के लोगों के माध्यम से नही बल्कि अपने ही लोगों के माध्यम से आती है। कोई भी अच्छा कार्य हेतु कदम बढ़ाओगे तो उसमें ही आप के अपने ही रुकावटे डालना शुरू कर देते है।और तुम आर्थक प्रयास करके उसको पूरा करने के लिए आगे बढोगे तो भी आप के अपने ही आप की ही टांग खिंचने को तैयार रहते है।
KHWAHISH...क्योंकि बाहर के लोगो को तो संभाल लोगे परन्तु अपनो को संभालना मुश्किल ही नही असंभव हो जाता है कई बार तो आप के आर्थक प्रयास के माध्यम से कामयाबी मिल भी जाती है तो कई बार मेहनत करने के बाद भी कामयाबी नही मिल पाती है केवल निराशा ही मिलती है और इसके उपरांत आप ने कामयाबी हासिल कर लिए तो ये समझ लीजिए कि बीच गंगा के अंदर आप ने जौं बो दिया है।
KHWAHISH...साथियों अभी मान लो आप बेरोजगार हो जाओ और खाली बैठे हो तो आप के अपने एवं पराये कोई भी लोग काम नही लगवा पाएंगे परन्तु आप कोई काम पकड़ लिए तो आप के अपने एवं पराये लोग बोलते है कि अरे तूने बताया नही...? नही तो मैं तो और ज्यादा पैसे में लगवा देता काम तेरा,अब हँसी इस बात की आती है कि जब हम खाली बैठे थे इतने दिनों से तो क्यों नही लगवाए ...? तब भी तो काम लगवा सकते थे ना,परन्तु नही लगवाए अब जब कि प्रतिदिन हमारी आप की मुलाकात भी होती थी तो भी नही लगाए।
KHWAHISH...अब आप जरा सोचो कि लोग बात कैसे बनाते है और कुछ लोग तो ऐसे भी होते है जो अपनी ख्वाहिशो को पूरा करने के लिए अपने अस्तित्व को गवा देते है अपनी ज़मीर को मार देते है अपने ईमान को बेच कर उल्टे सीधे काम करने लगते है और फिर वो अपने ही बुने हुए जाल में फस जाते है फिर ना घर के रहते है और ना बाहर के रहते है और अपनी ज़मीर आत्मा तो पहले ही बेचे रहते है।
इरादों को पूरा करने के लिए अपनी ज़मीर बेचना नही।
ख्वाबो को पूरा करने के लिए अपनी जागीर बेचना नही।
अगर ज़मीर बेच दिए तो कोई अस्तित्व नही बचेगा,
सभी वादों को पूरा करने लिए अपनी तकदीर बेचना नही।।
KHWAHISH...सभी को अपनी ख्वाहिशे रखे और उसको पूरा भी करे परन्तु सही कार्यो के माध्यम से और अपनी ख्वाहिशो को पूरा करने के लिए आर्थक प्रयास करे और सच्चे लगन और मेहनत से अपने ख्वाहिश को पूरा करने की कोशिश करेंगे तभी अपने ख्वाहिशो को पूरा कर सकते है और कर पाएंगे।।
KHWAHISH...साथियों यह लेख कैसे लगा कृपया अवगत कराएं एवं अपने शुभशीष देने की कृपा करें।
"धन्यवाद"
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