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माँ शारदे...

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माँ शारदे... By Amit anant      माँ शारदे के श्री चरणों मे सादर प्रणाम करता हूँ     Maa Sharde माँ शारदे की महिमा बहुत ही निराली है माँ की कृपा जिस पर हो जाती है उसके जीवन मे बहार आ जाती है माँ शारदे की कृपा बिना लिखना पढ़ना बहुत ही दुर्लभ होता है ,और उन्ही की कृपा से हम सभी को शिक्षा ,संस्कृति और संस्कार मिलते है। और उन्ही के ज्ञान को लेकर हम सभी अनेक ऊँचाइयों को छूते है।माँ सदैव सभी के हृदय में विराजमान रहती है और उन्ही की महिमा से कुछ भी लिखना ,पढ़ना ,बोलना संभव होता है।     Maa Sharde माँ शारदे का बहुत सुंदर मन्दिर मैहर में है, मैहर सतना जिले मध्य प्रदेश में है और मैहर में शारदा माँ का प्रसिद्ध मन्दिर है जो नैसर्गिक रूप से समृद्ध कैमूर तथा विंध्य की पर्वत श्रेणियों की गोद मे तमसा के तट पर त्रिकूट पर्वत की पर्वत मालाओं के मध्य में उपस्थित है। ऐसा बताया जाता है कि लगभग 600 फुट की ऊंचाई के पहाड़ी पर माँ शारदे अपना निवास स्थान बनाये है और यह ऐतिहासिक मंदिर 108 शक्ति पीठो में से एक माना जाता है और यह भी बताया जाता है कि यह पीठ सतयुग के प्रमुख अवतार प्रभु...

Svatantrata divas

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स्वतंत्रता दिवस  By Amit anant       Svatantrata divas हमारे राष्ट्र भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली। उस से पहले हमारा देश भारत एक ब्रिटिश के शाशन में था और उस अवधि के दौरान हमारे लोगों ने बहुत सारे प्रकार की पीड़ा और बहुत कुछ सह कर और ना जाने कितने देश प्रेमियो ने अपने प्राणों की आहुति देकर,फाँसी झूले थे, कितनो ने खून बहाया तब जा कर हमारा देश भारत स्वतंत्र हुआ। और उसी दिन से यह दिन स्वतंत्रता की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम अपने राष्ट्र गौरव तिरंगे को सम्मान देते हैं, साथ ही उन सभी वीर महान स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद करते हैं जिनकी वजह से भारत को आजादी मिली थी।     Svatantrata divas भारत के स्वतंत्रता के बाद जन्म लेने वाले सभी लोगों को हमारे देश पर तथा हमारे देश के उन सभी वीरो पर जिन्होने अपना सब कुछ समर्पण किया, त्याग किया ,और भारत के आजादी के लिए अपना खून बहाया उनके ऊपर गर्व महसूस करना चाहिए और उन सभी महान वीरो को हृदय से नमन करना चाहिए क्योंकि उनके बलिदान एवं समर्पण से आज हम सभी ने स्वतंत्र भारत में स्वतंत्...

NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR,BINA SANTAN REHNA...

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नालायक संतान के होने से बेहतर, बिना संतान रहना BY AMIT ANANT बड़े बुजुर्गों की बात समझने वाली होती है। बड़े बुजुर्गों की साथ बहुत निराली होती है। उनके अनुभव का स्वाद बड़ा कड़वा होता है,  पर उनके कहे वचन बड़े मतवाली होती है।।     NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR, BINA SANTAN REHNA... आजकल के समय को देखते हुए वो बड़े बुजुर्गों की बातों में सत्यता दिखाई देता है।हमारे बड़े बुजुर्गों सदैव सत्य ही बोलते थे।और जो बाते उन्होंने बोली थी ,आज के समय मे शत प्रतिशत सत्य हो रही है। वे लोग बच्चे की चाल-चलन को देख कर पहले ही बोल देते थे कि ये बालक कैसे होगा और इसका क्या परिणाम परिवार वा समाज पर पड़ेगा।उनका मानना था कि नालायक संतान के होने से कहीं ज्यादा बेहतर,बिना संतान के रहना होता है।क्यो कि, उस एक नालायक संतान से घर-परिवार की मान- मारियदा और सामाजिक बहिष्कार तक हो जाता है।और तरह-तरह की समस्याओं का जन्म होता है।     NALAYAK SANTAN KE HONE SE BEHTAR, BINA SANTAN REHNA... बड़े बुजुर्ग हमेशा से बहुत दूर तक सोच के चलते थे, और यही कारण होता था कि उनको अनुभव बहुत अधिक होता था , और अपने जीवन...

KHILWAD KARNA INSAAN KI AADAT HO GYI HAI...

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खिलवाड़ करना इंसान की आदत हो गयी है। BY AMIT ANANT लोग खिलवाड़ जज्बातों से करते है। लोग खिलवाड़ एहसासों से करते है। खिलवाड़ करने से शायद मजा आता है, लोग खिलवाड़ हर सासों से करते है।।       KHILWAD KARNA INSAAN KI AADAT HO GYI HAI... आजकल हर चीज से खिडवाल करना इंसान की आदत हो गयी है। चाहे प्राकृतिक हो,चाहे भावनाएं हो, चाहे कोई वस्तु हो और चाहे रिस्ते नाते हो। कुछ भी हो ,कोई भी सम्बन्ध हो ,पर हर चीज से खिलवाड़ करना इंसान की आदत होती जा रही है जो कि ऐसा होना बहुत ही गलत और दुर्भाग्यपूर्ण होता जा रहा है। क्यो की यह आदते आगे चल कर बहुत ही नुकसान दयाक होती है।   KHILWAD KARNA INSAAN KI AADAT HO GYI HAI... आजकल के खिलवाड़ की वजह से सारे रिस्ते, नाते,संगे, सम्बधी, और मित्रगण भी धीरे धीरे दूर होते जा रहे है।क्योंकि जाने अनजाने में ही सही खिडवाल से उनके आंतरिक चोटें लगती है और फिर वो बोलना नही चाहते और चोट की पीड़ा को बर्दाश्त करके एक दूसरे से दूरियाँ बनाना शुरू कर देते है।और इनमें सबसे अहम रोल दिखावेपन की होती है। क्यो की लोग अपने आप को बड़ा और स्मार्ट दिखाने के चक्कर मे एक दूसरे से ख...

DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI...

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दोष देना कितना आसान होता है... BY AMIT ANANT दोष देना सबकी,आदत सी हो गयी। रोज देना सबकी,चाहत सी हो गयी। अपनी गलतियों थोपते है दूसरो पर, थोप देना सबकी,राहत सी हो गयी।।     DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI... दोष देना कितना आसान होता है। कोई अच्छा काम हो जाये तो अपने आप को गर्व महसूस करते है।और कोई बुरा काम हो जाये, तो सामने वाले को दोष देते है।या फिर ईश्वर को दोष देते है या ,किस्मत को दोष देते है। मतलब, यह ऐसा माहौल बन गया गया है इंसानी फितरत में, की कुछ पुछो मत। बस अच्छा होता रहे तो अच्छा ही अच्छा है और गलती से भी बुरा हो जाये तो,केवल दोष देना है अपने गलती को भी नही समझना एवं सुधरना चाहते है।     DOSH DENA KITNA AASAAN HOTA HAI... आज कल के समय में सब लोगो का सारे कार्य अच्छा ही होना चाहिए कुछ गलत नही होना चाहिए। मतलब सब को केवल सुख की ही अपेक्षा रहती है।दुख लेना और समझना नही चाहते है। जो कि बिना दुख के अनुभूति से सुख का स्वाद नही मिलेगा, फिर भी सब को केवल सुख की जरूरत होती है। जरा सोचिए कि गर दुःख आकर आप को परेशान नही करेगा, तो कैसे अपने आप को समझ पाओगे और कैसे अपने आ...

JEEVAN ME APEKSHAYE RAKHNA UCHIT NHI HOTA...

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जीवन मे अपेक्षाएं रखना उचित नही होता... BY AMIT ANANT सब पाने की चाह में लोग अँधे हो गए। सब चाहने की राह में लोग गंदे हो गए। जो सच्चे राह चल लिए अपने जीवन मे, वो दुनिया के अच्छे से लोग बंदे हो गए।।         JEEVAN ME APEKSHAYE RAKHNA UCHIT NHI HOTA... जीवन मे अपेक्षाएं रखना उचित नही होता...जी हाँ, आजकल के समय मे लोग अपेक्षाएं बहुत रखते है, जो कि बिलकुल अनुचित होती है। जबकि सही मायने में इन्सान को केवल अपने कर्मों को ईमानदारी से करना चाहिए ,किसी प्रकार की अपेक्षाएं नही रखनी चाहिए...परन्तु दुर्भाग्य की बात यह है कि लोग कुछ भी करते है, तो उसके प्रति एक अपेक्षा रख लेते है,  की हमने यह किया है इसका कुछ ना कुछ फायदा जरूर ही मिलेगा, जो कि बिलकुल गलत है। अगर हम कर्मो के प्रति हरदम अपेक्षा ही रखेगे, तो इंसानियत कहाँ रहेगी, प्रेम भाव कहाँ रहेगा। ये सब तो खत्म ही हो जाएगा। क्यो कि, जहाँ पर स्वार्थ रूपी अपेक्षाएं आ जाती है, वहाँ पर प्रेम, भाव, समर्पण और इंसानियत नही रह जाती है।और यही सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है, जिससे इंसानियत ,प्रेम,भाव और समर्पण धीरे-धीरे कम होता जा रहा ...

MAHAN PRAKRAMI NETA JI SUBHAS CHANDRA BOSS

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महान पराक्रमी नेता जी सुभाष चंद बॉस... BY AMIT ANANT हे भारत के युवा जनों,तुम भारत माँ की शान बनाओ। सुबास चंद बोस के जैसे,अपनी एक पहचान बनाओ। माँ को आँख दिखाए जो,उसको सबक सिखाते रहना, सब भारत देश से डरते रहे,ऐसा हिंदुस्तान बनाओ।।       MAHAN PRAKRAMI NETA JI SUBHAS CHANDRA BOSS... एक स्वतंत्रता सेनानी के बारे में सोचें तो एक वीर योद्धा, एक महान सेनापति, कुशल राजनीतिज्ञ जैसे, तो एक ही नाम आता है , जो है नेताजी "सुभाष चंद्र बोस", उन्ही का चेहरा ही आता है। उनके व्यक्तित्व के बारे में जितना कुछ भी लिखा और बोला जाए ,वो कम है। नेताजी ने भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए बहुत कुछ किया है।उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन से लेकर, हर भारतीय को आजादी का महत्व बताने तक ,हर एक काम नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने किया है। तो आइए, आज हम आपको नेताजी के जीवन के बारे में कुछ बताने की कोशिश करते है। उनका जन्म 23 जनवरी 1897और उनकी जीवन का आखिरी दिन 18 अगस्त 1945 था।       MAHAN PRAKRAMI NETA JI SUBHAS CHANDRA BOSS ...नेता जी सुभाष चंद्र बोस का जन्म जनवरी 23 सन 1897...

MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA

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मकरसंक्रांति पर्व की महानता... BY AMIT ANANT भारत में प्रमुख त्यौहार मानाये जाते है। पौष मास में सूर्य मकर राशि में आते है। तब मनाते है लोग इसको मकरसंक्रांति, इस दिन तिलगुड़ के लडडू सब पाते है।।      MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA... आज मकरसंक्रांति का पावन पर्व है। इस दिन लोग प्रात: काल मे गंगा में स्नान करने के बाद अग्निदेव व सूर्यदेव की पूजा करते हैं। और खिचड़ी के रूप में मंदिर,देवालय, ब्राह्मणों व गरीबों को दान देते हैं। और साथ मे साधू संत को वस्त्र का दान देते है।मकरसंक्रांति को लोग झोली पर्व के रूप में मनाते है।ऐसे माना जाता है कि झोली पर्व में साधू संतो के झोली में कुछ ना कुछ दान दिया जाता है।और साधु संतों व मुनियों से आशीर्वाद प्राप्त करते है।ऐसा करने दान देने वाले के दुख दर्दो को ईस्वर हर लेता है और उनके जीवन मे खुशियों का प्रबेश होता है।     MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA... मकरसंक्रांति के पर्व पर तिल के लड्डू, खिचड़ी और पकवानों की मिठास चारो तरफ होता है।और साथ में सब मिल करके मकर संक्रांति का पर्व मनाते हैं। और गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलना...

ADHYATM HI JEEVAN KA MAHATVPURN AANG HAI

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आध्यत्म ही जीवन का महत्वपूर्ण अंग है... BY AMIT ANANT जीवन कितना सुन्दर है,उसका अभिमान करो। जीवन में खुशियाँ आती है,उसका सम्मान करो। देखोगे जो हृदय से, तो बात समझ में आएगी, जो पल है कितना सुन्दर,उसका गुड़गान करो।।     ADHYATM HI JEEVAN KA MAHATVPURN AANG HAI... मनुष्य के जीवन मे आध्यात्मिकता होना बहुत जरूरी होता है, बिना अध्यत्मिकता के मनुष्य का जीवन अधूरा होता है क्यों कि मनुष्य को समझ और ज्ञान अध्यत्मिकता से ही आती है।और जीवन मे आध्यत्म रहने से मनुष्य को सहनशीलता अधिक होती है और जिस मनुष्य के जीवन मे सहनशीलता होती है वो अपने विवेक का उपयोग करके जीवन को बहुत ही सुन्दर भाव, समझ एवं प्रेम से जीता है। और अपने ज्ञान से अपने आप को एवं अपने आस पास स्वच्छता रखता है। और साथ मे सदैव सेवा-भाव,प्रेम-भाव एवं आनंदमय जीवन जीता है।और सदैव दुसरो के हित का कार्य करता है।     ADHYATM HI JEEVAN KA MAHATVPURN AANG HAI... मनुष्य में आध्यत्म रहने से अच्छी सोच और नीत से हर एक कार्य को करके अच्छे ऊंचाइयों को छूता है और अपने हर कार्य को कुशलता पूर्वक करके उच्च स्थान प्राप्त करता है...

CORONA KAAL MEIN SWASTH REHNA BAHUT JARURI HAI

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कोरोना काल मे स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है... BY AMIT ANANT अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा करनी है। अपने बच्चों की रक्षा करनी है। पूरे ध्यान पूर्वक से रह के सदा, अपने स्वास्थ्य की समीक्षा करनी है।।           CORONA KAAL MEIN SWASTH REHNA BAHUT JARURI HAI... इस कोरोना जैसी महामारी में अपना अच्छा स्वास्थय रखना बहुत जरूरी है और ऐसे महामारी में हर एक के जीवन में काफी सावधानी बरतना अहम किरदार बनता है। हर एक मनुष्य को इस समय अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज नही करना चाहिए। क्यो कि अच्छे स्वास्थ्य का होना काफी आवयश्क है। आज कल हम देखते हैं कि सभी लोग कितनी लापरवाही कर रहे है और मास्क भी नही लगा रहे है और ना ही कोई सावधानी और ना ही सोसाल डिस्टनसिंग को महत्व दे रहे हैं और ऐसे में कोई परेशानी होगी तो हमेशा की तरह सरकार पर दोष देगे.... तो इस लिए किसी पर निर्भर मत रहिए क्यो कि अभी कोई वैक्सीन नही बन पाई है।          CORONA KAAL MEIN SWASTH REHNA BAHUT JARURI HAI... हम सभी को अच्छे स्वास्थ्य रखने के लिए कुछ चीज़े काफी महत्वपूर्ण है - सावधानी , सोसाल डिस्टनसिंग और म...

MAA KI MAMTA SE SARA JAG UJIYARA

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माँ की ममता से सारा जग उजियारा... BY AMIT ANANT माँ ममता की एक रूप होती है। वो तो ईश्वर की स्वरुप होती है। वो अपने बच्चों के लिए सदा, छाव कही तो कही धूप होती है।।         MAA KI MAMTA SE SARA JAG UJIYARA... माँ की ममता से सारा संसार चलता है, माँ सारे जगत को उजियारा करती है, माँ ही बच्चों की सहारा होती है। माँ की ममता जैसा प्रेम पूरी दुनिया मे कहीं नही मिलता है।माँ सदैव तपस्या रत रहती है और माँ की तपस्या से ही हम सभी के जीवन को उजाला और निवाला मिलता है माँ पूरे घर परिवार पूरे संसार को देखती- समझती और प्रेम करती है। माँ जैसा धैर्य ऊर्जा प्रेम ऎश्वर्य पुण्य गुरु देवी सहनशीलता किसी मे भी नही होती है। माँ परमात्मा की जगह पर व्याप्त है उनके प्रेम में परमात्मा का प्रेम छिपा रहता है।      MAA KI MAMTA SE SARA JAG UJIYARA... माँ की ममता की बात निराली होती है। माँ का प्रेम बच्चो के लिए अमृत के समान होता है। माँ सदैव अपने हृदय के टुकड़े को बहुत ध्यान देती है अपने नज़रों से दूर नही होने देती है। और बच्चे भी माँ से एक पल भी दूर नही रह पाते है। माँ अपने बच्चों के लालन...

YUVAON KE PRERNA STROT SWAMI VIVEKANAND

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युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद... BY AMIT ANANT स्वामी विवेकानंद जगत के ज्ञानी थे। अपने स्वभाव से बड़े स्वाभिमानी थे। वो युवाओं के हृदय में सदा रहते है, वो महापुरुष और एक स्वामी थे।।     YUVAON KE PRERNA STROT SWAMI VIVEKANAND... आज स्वामी विवेकानंद जयन्ती एवं युवा दिवस का शुभ अवसर है। स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी सन्‌ 1863 को हुआ।और उनका नाम नरेंद्र दत्त था। नरेंद्र दत्त के पिता श्री विश्वनाथ दत्त पाश्चात्य सभ्यता को मानते थे। वे पुत्र नरेंद्र को भी अंग्रेजी पढ़ाकर पाश्चात्य सभ्यता पर चलाना चाहते थे। नरेंद्र दत्त की बुद्धि बचपन से बड़ी तेज थी और उनके भीतर भगवान को पाने की लालसा ज्यादा प्रबल थी। उनको संगीत, साहित्य और दर्शन में विशेष रुचि थी। तैराकी, घुड़सवारी और कुश्ती का शौक रखते थे।      YUVAON KE PRERNA STROT SWAMI VIVEKANAND... सन्‌ 1884 में उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त की मृत्यु हो गई।और घर का सारा भार नरेंद्र दत्त पर पड़ गया।और घर की दशा बड़ी खराब थी। कुशल यही था कि नरेंद्र दत्त का विवाह नहीं हुआ था।और उस समय अत्यंत गरीबी थी, फिर भी नरेंद्र ...

KAVI HONA SAUBHAGYE HAI

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कवि होना सौभाग्य है... BY AMIT ANANT जहाँ ना पहुचे रवि  वहाँ पहुचते कवि जहाँ ना पहुचे रवि कवि वहाँ पहुचते अनुभवी जहाँ ना पहुचे कोई कभी वहाँ पहुचते कवि अभी       KAVI HONA SAUBHAGYE HAI... कवि होना सौभाग्य की बात होती है क्यो कि कवि सभी नही हो पाते है...बहुत कम ऐसे पुण्य आत्माएँ होती है जो कवि बन पाते है और कवि की हर समय अलग दृष्टिकोण होता है वो बहुत ही संवेदनसील होते है उनके उठने-बैठने, चलने ,देखने, सोचने, बोलने ,समझने एवं समझाने के तरीके ही अलग होते है वे सैदेव जन हित सेवा भाव ,समर्पण भाव, प्रेम भाव एवं मानवीय जीवन होता है उनके भीतर एक अलग एहसास भाव और प्रेम का दीप जलता रहता है वे ज़्यादातर अन्तर दृष्टि से ही हर चीजो को देखते और समझते है वे अपने आप मे ही डूबे रहते है और यह सब उनके भीतर प्रकृति होता है। और यह बहुत ही सौभाग्यपूर्ण बात होती है।       KAVI HONA SAUBHAGYE HAI... आज के इस युग के लोगों में तरह- तरह की भावनाएं होती है परन्तु कवि की भावनाओं की बात निराली होती है वे मिटटी में भी जान डालने की क्षमता रखते है और जिस वस्तु को देख लिए समझो ...

MUMBAI MEIN SAHID VEERON KO NAMAN

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मुम्बई में शहीद वीरों को नमन... BY AMIT ANANT वीरों ने मासूमो के लिए अपनी जान गवाये थे। वीरों ने लहू बहा के मासूमो की जान बचाये थे। मासूमो की रक्षा के लिए जान की बाजी लगाये, हाथों में लेके बंदूक माँ भारती की शान बनाये थे।।          MUMBAI MEIN SAHID VEERON KO NAMAN... 26/11 आतंकी हमले में अपने नापाक इरादों को लेकर साज़िशों के चलते पूरे मुंबई एवं पूरे देश का दिल दहला देने वाले हमले को आज भी याद आती है तो आत्मा कांप जाती है। एक साथ कई अलग-अलग स्थानों पर बमों और गोलियों की बौछार की शुरुआत हुई और उन बमो और गोलियों की चपेट में ना जाने कितने मासूमों के प्राण चले गए। इस नजारे को देख कर पूरा देश सन्न होगया था। लोगों के कुछ समझ मे ही नही आ रहा था।      MUMBAI MEIN SAHID VEERON KO NAMAN... उस समय मेजर संदीप उन्नीकृष्णन,एसीपी अशोक, हेमंत करकरे,तुकाराम ओम्ब्ले,इंस्पेक्टर विजय सालस्कर,कमांडो सुरेन्द्र सिंह इत्यादि एवं कई अन्य साहसी सिपाहियों ने सामना किया था। और इन सभी साहसी वीरों का मानना यह था कि हम अपने देश के मासूमो की जान को नही जाने देंगे। इन सभी ने संकल्...

SANTOSH HI JEEVAN KA PARAM SUKH HOTA HAI

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संतोष ही जीवन का परम सुख होता है... BY AMIT ANANT संतोष रखने से परम सुख मिलता है। स्वस्थ रहने से करम सुख मिलता है। सच्चे मन से मानव कल्याण करना, मानवता रखने से धरम सुख मिलता है।।      SANTOSH HI JEEVAN KA PARAM SUKH HOTA HAI... संतोष ही जीवन का परम सुख होता है मनुष्य पूरे जीवन को भाग दौड़ में व्यतीत करता है जो कि मनुष्य के कर्मो के अनुसार मनुष्य के पास सब कुछ होता है परन्तु मनुष्य को संतोष नही होता.... मनुष्य की प्रवृत्ति ऐसे हो जाती है कि मानो पूरे जग का सुख उसको ही मिल जाये जो कि ऐसा हो नही सकता है, क्यों कि जितना मनुष्य को मिलना चाहिए उतना उसको मिल भी जाता है परन्तु फिर संतुष्टि नही मिलती है और यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है।      SANTOSH HI JEEVAN KA PARAM SUKH HOTA HAI... मनुष्य को ईश्वर ने सब कुछ पूर्ण रूप से दिया है जैसे...आँख , कान ,बल,बुद्धि, हाथ,पाव इत्यादि सब कुछ पूर्ण रूप से दिया है उसके बाद भी मनुष्य को संतोष नही मिलता है। जरा उनको देखिए जिनके एक हाथ नही है , एक आंख नही है,एक पाव नही है,बुद्धि नही है,रहने का ठौर नही है,अनेको अंग नही है उनको दे...

VIDYARTHI KAISE APNE AAP KO SWASTH AUR CHUST RAKH SAKTE HAI

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विद्यार्थी कैसे अपने आप को स्वस्थ और चुस्त रख सकते है... BY AMIT ANANT स्वास्थ्य जीवन निरोगी काया रहे। माता पिता की हरदम छाया रहे। हँसते खेलते स्वस्थ रहो हरदम, लोगों की प्रेम भाव की माया रहे।।         VIDYARTHI KAISE APNE AAP KO SWASTH AUR CHUST RAKH SAKTE HAI... अच्छा स्वास्थय एक विद्यार्थी के जीवन में काफी अहम किरदार निभाता है। विद्यार्थियों को कभी भी अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज नही करना चाहिए। शिक्षा में अछि प्रतिक्रिया दिखाने के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना काफी आवयश्क है। आज कल हम देखते हैं कि सभी बच्चे जंक फूड को ज्यादा महत्व देते हैं और हमेशा यंत्रो पर निर्भर रहते हैं। वे काफी बड़ी मात्रा में कैलोरीज का सेवन करते हैं परंतु उसे खत्म नही करते।          VIDYARTHI KAISE APNE AAP KO SWASTH AUR CHUST RAKH SAKTE HAI... एक अच्छे स्वास्थ्य के लिए दो चीज़े काफी महत्वपूर्ण है - पौष्टिक आहार और व्यायाम। यदि विद्यार्थी इन दो चीज़ों पर अमल करते है तब वे एक अच्छा स्वास्थ्य पा सकते हैं। सब पहली बात ,की विद्यार्थी को सावधान रहना चाहिए कि वे क्या खा रहे...

SAMASYA GHABRAHAT NHI EK SIKH HAI

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समस्या घबराहट नही एक सीख है... BY AMIT ANANT समस्या को क्या करना है समस्या को है आना। समस्या जीवन का अंग है इसे सब ने पहचाना। समस्या के हल में पड़ कर जीवन भूल न जाये, समस्या का हल होता है ये समस्या को है जाना।।     SAMASYA GHABRAHAT NHI EK SIKH HAI... साथियों यह समस्या जीवन मे आना जरूरी होती है...क्यों कि अगर समस्या नही आएगी तो इंसान को समझ नाम की चीज नही आएगी और समस्या से कभी घबराना नही चाहिए क्यों कि समस्या जब भी आती है तो कुछ न कुछ सीख दे कर जाती है...और बहुत कुछ हम सभी को सीखा कर जाती है। और यह हमारे आप के लिए बहुत अच्छी बात है।क्यों कि समस्या हरदम इन्सान की कसौटी के लिए आती है....और वह कसौटी करके ही जाती है ऐसे में जो घबरा जाता है वो हार जाता है परन्तु जो समझदारी से समस्या को समझने की कोशिश करता है उसको नया विकल्प मिलता है और एक नई सीख मिलती है और वो समस्या से जीत हासिल करता है।...कोई माने या ना माने परन्तु... समस्या जीवन का महत्वपूर्ण अंग की तरह होता है और ये सदैव साथ मे सफर करता है। जैसे सुख के साथ दुःख, जीवन के साथ मृत्यु, जस के साथ अपजस, सकारात्मक के साथ नकारात्मक...

SAMAJH SAMAJH KI BAAT

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समझ समझ की बात... BY AMIT ANANT समझ समझ की बात है जो समझ गया वो ना समझ है। समझ समझ मे जो नही समझा, वही यहाँ ना समझ है। मनुष्य को समझाने के लिए प्रकृति ही मुसीबतें देती है, समझ के जो फिर भी ना समझे,तुम समझना,वो ना समझ है।।       SAMAJH SAMAJH KI BAAT.... स मझ क्या है ....? समझ होश है। चेतना है।और सत्य है। अगर हम चेतना में , होश में है सत्य की राह पर है ....तो उसी को समझ माना जाता है। और जो सत्य को देखते हुए ,समझते हुए भी उसको समझना नही चाहते है सब कुछ देख रहे है कि यह गलत है ,ऐसा होना गलत है,परन्तु उसको रोकना और देखना नही चाहते है ....यह समझ नही है।...क्यों कि लोगों को लगता है उनको क्या लेना देना है...जो हो रहा है होने दो...कौन सा कुछ उनके साथ हो रहा है।...जब उनके साथ कुछ गलत होगा तो देखेगें....परन्तु यह बहुत ही गलत बात है ....क्यों कि तुम मनुष्य के रूप में जन्म लिए हो...तुम अपनी मानवता को क्यों भूल रहे हो...केवल वही एक चीज तो बची हुई है तुम्हारे पास ,बाकी तो सब खत्म हो गया है....तो कम से कम उसको तो बचा के रखो।         SAMAJH SAMAJH KI BAAT... साथि...

PRASASTI PATR

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प्रशस्ति पत्र... BY AMIT ANANT प्रशस्ति पत्र... सम्मान करते है हृदय से सभी पदाधिकारियों को। सम्मान करते है हृदय से सभी साहित्यकरियो को। कविताएं एवं कहानियों से उत्साह वर्धन करते है, अभिमान करते है हृदय से सभी कलाकरियो को।। कविताओं एवं कहानियों के लेखन के  प्रतियोगिता में विजयी घोषित होने  पर प्रशस्ति पत्र प्रप्ति.... मैं कुमार अमित अनंत दिल्ली से  सभी संस्थाओं के पदाधिकारियों  एवं हिन्दी प्रेमी साहित्यकार को  हृदयतल से आभार प्रकट करता हूँ। 💐💐😊😊🙏 @Amit anant           Delhi #feelingpositive M y Insta:- https://www.instagram.com/amit_ananat M y Blog:- https://amitananat.blogspot.com / My twitter:- https://twitter.com/Amitkanant M y Fb Page:- https://www.facebook.com/Amitananatwriter / M y Fb Page:- https://www.facebook.com/Amitananat / My Youtube:- https://youtube.com/c/amitanantw

DIL TO BAVRA HAI

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दिल तो बावरा है... BY AMIT ANANT ये दिल तो बावरा होता है। ये दिल तो साँवरा होता है। ये नही चलता किसी के कहने पे, ये दिल तो मुहावरा होता है।।       DIL TO BAVRA HAI... ये दिल तो बावरा है इसे प्रेम के शिवा कुछ नही दिखाई देता है इसे तो केवल प्रेम पता है बस....ये ... केवल महसूस करता है। हर वो वस्तु, हर वो भाव, हर वो हृदय, हर वो जीव, हर वो वृक्ष, हर वो साँसे... जिसमे प्रेम रहता है...जिसमे अथाह खुशी हो...जिसमे कोई स्वार्थ ना हो...जिसमे कोई लोभ नही हो.... जिसमे केवल प्रेम ही प्रेम हो...ऐसे ही चीजो को,जीवो को, ऐसे ही सांसों को यह महसूस करता है...ये तो फूलों में आनन्दित होता है....ये तो सुंदरता में आनन्दित होता है......ये तो पौधों में आनंदित होता है.... ये तो पक्षियों की बोली में आनंदित होता है....ये तो संगीत में आनंदित होता है....ये तो तितलियों एवं भवँरो में आनन्दित होता है...ये तो हवाओ में, लताओ में,नदियों में,धूप में,चाँदनी रात के चाँद में,हरे भरे बगीचे में,खेत खलिहानों में, मंदिर के शंखनादों में,बारिश की बूंदों में, उड़ते धूलो में,महकते फूलों में,झूलते झूलो में,हर जगह में ...

DEEPON KA UTSAV

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दीपो का उत्सव... BY AMIT ANANT आज राम जी अवध में आये थे। लोग अवध को खूब सजाये थे। हृदय से लोगों ने स्वागत किया, आज अवध में दीप जलाये थे।।       DEEPON KA UTSAV... आज दीपो का त्योहार दीवाली है आज का ही यह वो पवित्र दिन है जब भगवान राम माता जानकी ,लक्ष्मण संग 14 वर्ष के बाद वनवास से घर लौटे के आये थे। और जब भगवान श्री राम माता जानकी और लक्ष्मण जी वन से आये थे तो पूरे अवध वासी मिल कर भगवान राम- माता जानकी की बहुत ही प्रेम से स्वागत किया और अपने उत्साह के तौर पर पूरे अयोध्या को दीपो से सजाया था और बहुत ही प्रेम भाव और समर्पण से अयोध्या वासियों ने दीपावली का महोत्सव मनाया था ।और तभी से पूरे दुनिया मे दीवाली का महोत्सव मनाया जाने लगा है। मन मे संस्कार का दीप जला लीजिए। तन में व्यवहार का दीप जला लीजिए। ये दीवाली है खुशियों का त्योहार, घर मे अपने दीवाली मना लीजिए।।         DEEPON KA UTSAV... इस रोशनी के त्योहार पर सब के मनो में संस्कृति एवं  संस्कार का दीपक जलना जरूरी होता है और सभी के हृदय में व्यहार प्रेम भाव का दीपक जलता है और इस खुशियों के त...