MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA

मकरसंक्रांति पर्व की महानता...


BY AMIT ANANT

भारत में प्रमुख त्यौहार मानाये जाते है।
पौष मास में सूर्य मकर राशि में आते है।
तब मनाते है लोग इसको मकरसंक्रांति,
इस दिन तिलगुड़ के लडडू सब पाते है।।

     MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA...आज मकरसंक्रांति का पावन पर्व है। इस दिन लोग प्रात: काल मे गंगा में स्नान करने के बाद अग्निदेव व सूर्यदेव की पूजा करते हैं। और खिचड़ी के रूप में मंदिर,देवालय, ब्राह्मणों व गरीबों को दान देते हैं। और साथ मे साधू संत को वस्त्र का दान देते है।मकरसंक्रांति को लोग झोली पर्व के रूप में मनाते है।ऐसे माना जाता है कि झोली पर्व में साधू संतो के झोली में कुछ ना कुछ दान दिया जाता है।और साधु संतों व मुनियों से आशीर्वाद प्राप्त करते है।ऐसा करने दान देने वाले के दुख दर्दो को ईस्वर हर लेता है और उनके जीवन मे खुशियों का प्रबेश होता है।

    MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA...मकरसंक्रांति के पर्व पर तिल के लड्डू, खिचड़ी और पकवानों की मिठास चारो तरफ होता है।और साथ में सब मिल करके मकर संक्रांति का पर्व मनाते हैं। और गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, पंजाब, विहार और अन्य राज्यों समेत देश के कई राज्यों  में आज के दिन लोग बहुत सारे लोग पतंगबाजी भी करते हैं।और पतंगों में एक दूसरे की पतंगों को काटने में होड़ लगती है।और उत्साहित हो कर पतंगबाजी का आनंद लेते है।
       MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA...मकरसंक्रांति को उत्तर भारत के कुछ राज्यों में खिचड़ी के पर्व के रूप में मनाते हैं और वहीं दक्षिण भारत के तमिलनाडु व केरल में इसे पोंगल के रूप में मनाते हैं। पोंगल का पर्व मानते है पोंगल मकरसंक्रांति से शुरू हो कर 18 जनवरी तक चलता है। तमिलनाडु के लोग पोंगल का पर्व को नई फसल आने की खुशी में मनाते है। और नई फसल आने की खुशी में पूजा करके खुशिया मानते है और इनका ये पर्व आने वाले तीन दिनों तक चलता है।
      MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA...पौराणिक कथाओं के अनुसार,ऐसा भी माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन की गंगा जी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए सागर में जा कर मिली थी। इसीलिए आज के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया जाता है और प्राकृतिक के अनुसार मकर संक्रांति के दिन से मौसम में बदलाव का सूचक भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है आज से वातारण में कुछ गर्मी आने लगती है।और फिर बसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है।
    MAKARSANKRANTI PARV KI MAHANTA...हिन्दू संस्कृति मे मकरसंक्रांति पर्व की बहुत बड़ी महिमा मानी जाती है।और कुछ अन्य कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन देवता पृथ्वी पर अवतरित होते हैं और गंगा स्नान करते हैं। इस वजह से भी गंगा स्नान का आज विशेष महत्व माना गया है। और इस लिए आज के दिन गंगा स्नान करते है। और आज के दिन से भारत के चार प्रमुख स्थानों पर आज से ही माघ मेला की शुरुआत होती है प्रयागराज मे संगम, हरिद्वार, नाशिक,उज्जैन, इन चार स्थानों पर बहुत बड़ा मेला लगता है।और आज से कुछ गृहस्थ आश्रम के लोग पूरे एक महीने तक प्रयागराज संगम पर तपस्या करते है।और संगम के घाट पर ही वो लोग रहते है।पूजा पाठ ध्यान करते है। और प्रति चार वर्ष में एक बार इन स्थानों पर माघ मेला का प्रयोजन होता है। और माघ मेले में लोगो की संख्या करोड़ो में होती है और सरकार द्वारा पूरी बेवस्था किया जाता है।और माघ मेले में पूरे दुनिया के लोगो का आवागमन होता है।
      धन्यवाद

@Amit anant
       Delhi

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