ADHYATM HI JEEVAN KA MAHATVPURN AANG HAI

आध्यत्म ही जीवन का महत्वपूर्ण अंग है... BY AMIT ANANT जीवन कितना सुन्दर है,उसका अभिमान करो। जीवन में खुशियाँ आती है,उसका सम्मान करो। देखोगे जो हृदय से, तो बात समझ में आएगी, जो पल है कितना सुन्दर,उसका गुड़गान करो।। ADHYATM HI JEEVAN KA MAHATVPURN AANG HAI... मनुष्य के जीवन मे आध्यात्मिकता होना बहुत जरूरी होता है, बिना अध्यत्मिकता के मनुष्य का जीवन अधूरा होता है क्यों कि मनुष्य को समझ और ज्ञान अध्यत्मिकता से ही आती है।और जीवन मे आध्यत्म रहने से मनुष्य को सहनशीलता अधिक होती है और जिस मनुष्य के जीवन मे सहनशीलता होती है वो अपने विवेक का उपयोग करके जीवन को बहुत ही सुन्दर भाव, समझ एवं प्रेम से जीता है। और अपने ज्ञान से अपने आप को एवं अपने आस पास स्वच्छता रखता है। और साथ मे सदैव सेवा-भाव,प्रेम-भाव एवं आनंदमय जीवन जीता है।और सदैव दुसरो के हित का कार्य करता है। ADHYATM HI JEEVAN KA MAHATVPURN AANG HAI... मनुष्य में आध्यत्म रहने से अच्छी सोच और नीत से हर एक कार्य को करके अच्छे ऊंचाइयों को छूता है और अपने हर कार्य को कुशलता पूर्वक करके उच्च स्थान प्राप्त करता है...