SHRI KRISHNA JANMASTMI
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
बाल गोपाल सब आने लगे है।
बाल गोपाल सब गाने लगे है।
जन्माष्टमी को मनाने के लिए,
माखन चुरा के सब खाने लगे है।।
SHRI KRISHNA JANMASTMI...भगवान श्रीकृष्ण के जन्म दिवस को पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इस दिन सभी मंदिर को सजाया जाता है और विधि विधान से पूजा किया जाता है और इस दिन सभी अपने घरों में अपनी अपनी मंदिरों को सजाते है और छोटे छोटे बच्चे राधा कृष्ण बन कर उत्साह से अपने अभिनय को दिखाते है एवं बहुत ही सुन्दर ठग से उत्साह के साथ भगवान श्री कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है और भगवान श्री कृष्ण को प्रसाद एवं फल का भोग लगा कर सभी मे वितरण किया जाता है।
SHRI KRISHNA JANMASTMI...इस पर्व को रक्षाबंधन के बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।अष्टमी तिथि का बहुत बड़ा महत्वपूर्ण इसलिये माना जाता है क्यों कि वह वास्तविकता के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष स्वरूपों में सुन्दर संतुलन को दर्शाता है।
द्वापर युग मे बढ़ गया जब असुरों का अत्यचार।
देव गण सब समस्या लेकर पहुँचे विष्णु के द्वार।
चारो तरफ हाहाकार मचाया असुरों ने मिल कर,
त्राहि त्राहि करने लगे,कर दो हमसब का उद्धार।।
SHRI KRISHNA JANMASTMI...भगवान श्रीकृष्ण वासुदेव एवं देवकी के 8वें पुत्र थे मथुरा में एक राजा था जिसका नाम कंस था कंस एक बहुत अत्याचारी,दुराचारी एवं क्रूर राजा था वह वहाँ के प्रजा पर बहुत अत्याचार करता था उसके अत्यचारो से हर कोई परेशान रहते थे और उसकी दुराचारी दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे थे द्वापर युग में जब राक्षसों का आतंक बढ़ गया था तो भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में धरती पर जन्म लिया। उनका जन्म भी बेहद रोचक कहानी जैसा ही है।
SHRI KRISHNA JANMASTMI...मथुरा के राजा कंस ने देवकी वासुदेव की स्वयंवर किया तभी विदाई के वक़्त आसमान से एक आकाशवाणी हुई कि मूर्ख कंस जिस बहन को बड़ी धूमधाम से विवाह करके विदाई कर रहे हो उसी के कोख से जन्मे पुत्र से तुम्हारी मृत्यु होगी उसी वक़्त कंस ने अपने बहन बहनोई को कारागार में बंदी बना लिया था और जन्म लेने वाली हर संतान को वह क्रूरता से मार देता था परन्तु जब कृष्ण का जन्म होने वाला था तो कारागार के सभी पहरेदार घोर निद्रा में चले गये थे एवं आसमान से भारी बरसात होने लगी।
SHRI KRISHNA JANMASTMI...भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जब कान्हा का जन्म हुआ तो वासुदेव उन्हें कंस से बचाने के लिए एक सूप में लेकर गोकुल में अपने मित्र नन्द-यशोदा के पास छोड़ आये। बस यही थी कृष्ण भगवान के पैदा होने की कहानी है। उसी दिन से कृष्ण के जन्म को जन्माष्टमी के उत्सव के रूप में पूरी दुनिया मनाने लगी है।
SHRI KRISHNA JANMASTMI...भगवान श्रीकृष्ण का अष्टमी तिथि के दिन जन्म होना यह दर्शाता है कि सांसारिक दुनिया में पूर्ण रूप से परिपूर्ण है।भगवान कृष्ण का सबसे अद्भुत गुण यह है कि वे सभी संतों में सबसे श्रेष्ठ एवं पवित्र होने के बावजूद वे अत्यंत नट-खट भी है।भगवान श्री कृष्ण हमें भक्ति की शिक्षा कुशलता के साथ देते हैं। जन्माष्टमी का उत्सव मनाने का वास्तविक महत्व अपने जीवन में सभी सकुशलता से उत्साहित एवं आनंदित रहते हुए अपने जीवन का यापन करना होता है। इस लिए भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन का उत्सव को पूरे उत्साह से सम्पूर्ण समर्पण से मनाना चाहिए।
धन्यवाद
#HappyJanmsthami
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