YAROON KI YAARI PART 1
"यारों की यारी"
भाग १ (part.1)
BY AMIT ANANT
यारों ये दोस्त की है यारी।
जानो से सब को है प्यारी।
बेचैन कर देती है सबको,
यारों को मिलने की है तैयारी।।
YAROON KI YAARI PART 1...एक गाँव मे तीन बहुत जिगरी मित्र थे एक मित्र सरदार था जिसका नाम जसविन्दर और उसकी पत्नी का नाम प्रीतो होता है और दूसरा मित्र का नाम जय सिंह और उसकी पत्नी का नाम अंजली होता है और तीसरे का कुलदीप और सावित्री होता है। तीनो मित्रो का बचपन से ही साथ होता है और साथ साथ पढ़ाई लिखाई किये और तीनों एक साथ शहर जा कर जम गये। कुलदीप अपना व्यसाय कर लिया और जय सिंह की सरकारी नौकरी लग गयी और जसविन्दर एक गैर सरकारी पाठशाला में अध्यापक बन गया। और साथ मे लेखक भी था।
YAROON KI YAARI PART 1...तीनो मित्र हर सप्ताह किसी न किसी के यहाँ आपस मे मिल कर बैठक करते, साथ मे उन तीनों की पत्निया भी रहती। बहुत अच्छे से जीवन सब का चल रहा था, कि अचानक एक दिन जसविन्दर के नाम से उसके पते पर सुबह सुबह एक डाक द्वारा एक गिफ्ट आता है। उसको लेते है जसविन्दर प्रीतो और खोल के देखते है, तो उसमें एक गुलाब के फूल के साथ एक पेन मिलता है। साथ मे एक चिटठी होती है उसमें लिखा होता है, आप की बहुत याद आती है ।आप की चाहक और साथ मे आई लव यू ।
YAROON KI YAARI PART 1...यह देख कर प्रीतो के मन मे बहुत सारे सवालों का जन्म हुआ और क्रोध भरी नजरो से उसने जसविन्दर की तरफ देखा और पूछा क्रोध में कौन है ये? अब जसविन्दर को कुछ समझ नही आया, क्यों कि जसविन्दर तो बहुत अच्छा इंसान है और सच मे उसको कुछ नही पता होता है। अब जसविन्दर ने बोला की, सच मे हमे नही पता, कौन है ये।और साथ मे बोला कि मैं एक लेखक हूँ तो शायद कोई मजाक कर रहा हो। चलो जैसे तैसे करके प्रीतो मान जाती है और शान्त हो जाती है।
YAROON KI YAARI PART 1...फिर तीन दिन बाद एक फूलों का गुलदस्ता आता है डाक से, तो उस समय घर मे अकेली प्रीतो रहती है। और अध्यापक जी पाठशाला में होते है ,अब प्रीतो ने गुलदस्ता देखा तो उसको लगा कि उस दिन हमने जो उनको उल्टा सीधा बोला था ,नाराजगी दिखाई थी तो शायद हमे मनाने के लिए भेजा होगा। तो थोड़ी खुशी आई चेहरे पर, वो उठा कर गुलदस्ता देखने लगी, तभी अचानक उसकी नज़र पड़ी की इसमें तो एक लेटर भी है तो सोचा कि हमारे लिए कुछ शायरी वगैरा लिख के दी होगा क्यों कि वो लेखक तो है। तो उस लेटर को खुश मन से निकाल के पढ़ने लगी।
YAROON KI YAARI PART 1...जैसे ही लेटर पढा, उस पर तो मानो बहुत ही बड़ा पहाड़ सा गिर पड़ा हो। एकदम झटका सा लगा,और तुरन्त आँख बबूला हो कर अध्यापक के मोबाइल पर फोन लगाया और अध्यापक जी मोबाइल साइलेन्ट में करके पाठशाला में बच्चों को पढ़ाने में मगन थे। देखते ही देखते प्रीतो ने अध्यापक जी को बीस 20 बार फोन लगा लिया फोन नही उठाया। अब तो पूरी तरह क्रोध में लाल हो गयी थी और सोच सोच के परेशान हो गयीं थी,
घायल प्रीतो हो गयी,देख पिया की प्रीत।
आँखों से आँसू गिरे,रही न कोई रीत।।
बन्धन सभी टूट गये,प्रीतो जाती हार।
आँख से मोती गिरते,देख सुमन क प्यार।।
YAROON KI YAARI PART 1...इतने ही अध्यापक जी का आगमन हो गया। जैसे ही लेखक जी घर आये मानो कोई घायल शेरनी उन पर हमला कर रही हो, इस तरह सामना हुआ। फिर तो शुरू कर दिया प्रीतो ने, ये गुलदस्ता किसने भेजा तुमको? कौन है यह हमे बताओ..? लेखक जी बोले, हमे नही पता कौन है यह? इतनी में प्रीतो बोली, अभी सब याद आ जायेगा, जब इसके साथ का लेटर पढोगे तो ...तब लेखक जी बोले, दिखाओ कौन सा लेटर है? लेटर पढ़े, लेटर में लिखा था, मेरे हमसफर इतना जल्दी हमे भूल गये याद करो, वो पार्क में बैठ कर साथ मे बड़े बड़े वादे करते थे अब ना तो तुम्हारा फोन आता है और ना ही पिछले तीन साल से तुम मिलने आये हो। बहुत याद आती है, आई लव यू तुम्हारी प्यारी सुमन।
YAROON KI YAARI PART 1...प्यारे साथियों यारो की यारी का दूसरा भाग जल्द ही आप सभी के समक्ष आ जायेगा। तब तक लिए आप सभी नमस्कार,प्रणाम, राम राम जय हिंद वंदेमातरम😊🙏
धन्यबाद
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