JEEVAN SANGHARSH

जीवन संघर्ष

BY AMIT ANANT

जीवन मे प्रेम आनंद रखोगे तो जीवन पार होता है।
बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद से सबका उद्धार होता है।।


     JEEVAN SANGHARSH...जब मनुष्य का जन्म बच्चे के रूप में होता है, तो चार और पाँच सालों तक तो ठीक और स्वतंत्र जीवन होता है उसके बाद जैसे ही, पाठशाला में जाना शुरू करता है वैसे ही संघर्ष शुरू हो जाता है।मानो उसके काँधे पर किताबो का बोझ पड़ जाता है। और बच्चे उसी बोझ को लेकर चलते चलते अपना पूरा बचपना निकाल देते है और आगे अपने लिए सरकारी या गैर सरकारी नौकरी या कोई व्यवसाय के बोझ को उठाना शुरू कर देते है। और फिर उनकी एक और जिम्मेदारी के बोझ के नीचे सामाजिक तौर पर डाल दिया जाता है।उनका विवाह कर दिया जाता है फिर वो बचपन को भूलना शुरू करके आगे के संघर्ष भरे जीवन को जीना शुरू कर देते है और फिर उसके जीवन मे रोज रोज वही दिनचर्या शुरू रहती है।

     JEEVAN SANGHARSH...हर एक मनुष्य के जीवन मे दिन रात भाग दौड़ ही रहती है मानो जीवन में केवल यही होता है। जैसे यह पाँव कभी रुकते ही नही है,हर एक दिन वही रोज की तरह घर से दफ्तर और दफ्तर से घर आना जाना होता है। साथ मे इतनी सारी उलझनों के साथ मे रहना होता है, मानो जीवन के सारे बोझ को उठा कर घूमते है। हर रोज सुबह सूर्य निकलता है और पता ही नही चलता है कि शाम कब हो गई, दिन ढल गया बेमतलब की चिंताओं को बोझ की तरह सिर पर सवार रहती है। मानो जिंदगी उन्ही चिंताओं में उलझी सी रहती है, मानो जीवन ठहर सा जाता है। घर से निकलते है रास्ते मे चलते चलते कब धूप हुई कब दोपहर हुई और कब शाम हो गई पता ही नही चल पाता है। ऐसे ही रोज धूप छाव होती रहती है और पूरे जीवन मे यही उतार चढ़ाव लगा रहता है और साथ मे परिवार की इतनी सारी जिम्मेदारी होती है कि कुछ पूछो मत। और किसी को कुछ चाहिए तो किसी को कुछ।

       JEEVAN SANGHARSH...न सब को लेकर चलते चलते इंसान कब, कैसे और कहाँ ठहराव कर जाता है पता ही नही चलता है।कई बार तो कई ऐसे इंसान भी होते है कि जीवन का बोझ उठाते उठाते अपने आत्मविश्वास को भी खो देते है और कई ऐसे भी होते है जो हँसते हुए इन सब बोझ को उठाते हुए कदम बढ़ाते है। पर हँसते हुए जो इन सब का बोझ को उठाते है सही मायने में वही जीवन का भरपूर रूप से आनन्द ले पाते है।

     JEEVAN SANGHARSH...प्यारे साथियों जीवन संघर्ष भरा जरूर होता है, पर उसको अगर हँसते हुए धीरे धीरे समझदारी से एक एक करके प्यार से कदम बढ़ाए जाये, तो संघर्ष भरा जीवन भी पूर्ण रूप से आनन्दमय जिया जा सकता है।

यह संघर्ष भरा जीवन सबका होता है।
यह समझ कर नही चला वही रोता है।
जीवन मे कठिनाई चाहे जितने आये,
इस से खुश रहे वो मख़मल पर सोता है।।




     JEEVAN SANGHARSH...प्यारे साथियों हमारा लेख कैसा लगा कृपया हमें अवगत कराएं अपने कमेन्ट के माध्यम से और अपना शुभाशीष देने की कृपा करें।
धन्यवाद
@Amit anant
        Delhi


Comments

  1. बहुत उम्दा रचना

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  2. बहुत बहुत धन्यवाद..😊🙏

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