YAADON KI BARSAAT

        "यादों की बरसात"

             BY AMIT ANANT

                       13/06/2020

                     "कविता"


ये यादों की बरसात में सिर्फ आसु की वर्षा करती है।
मोहब्बत की चाहत में सिर्फ  प्यार की वर्षा करती है।।

दिल के अरमानों में यादे बन के रहती है
दिल की बातो को वो मुझे से ही कहती है
कैसे कटते है दिन रात,वही सब बताती है
बेदर्दो के संग रह के,दर्द बन के रूलाती है

अपनो से अपने दर्दो को छिपा कर तरसा करती है।
मोहब्बत की चाहत में सिर्फ प्यार की वर्षा करती है।।

होश में जीती थी अब बिहोशी की आलम है
इश्क़ जब से किया है मदहोशी की आलम है
नही मिल पाती है नही बाते ही कर पाती है
तड़प तड़प कर अब खामोशी की आलम है 

मजबूरी में होकर अब मोहब्बत को तरसा करती है।
मोहब्बत की चाहत में सिर्फ प्यार की वर्षा करती है।।

यादों की उसकी बड़ी दस्ता अजीब रहती है
ये यादों को क्या करूँ जो मुझ में ही रहती है
इश्क़ मोहब्बत में उसकी याद बड़ी सताती है
रो कर हरदम अपने दिल की बात बताती है

एहसास दिलो में लेकर बात करने को तरसा करती है।
मोहब्बत की चाहत में सिर्फ  प्यार की वर्षा करती है।।

@Amit anant
        Delhi

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