APNO KE DARDO KO SAMJHE

"अपनो के दर्दो को समझे"

BY AMIT ANANT

हर दर्द के एहसासों को समझना जरूरी होता है।
हर एक के अल्फाज़ो को समझना जरूरी होता हैं।
गर दर्द नही समझते हो तो यह ज़िन्दगी बेकार है,
सब समझते हुए भी,क्यों जीना मजबूरी होता है।।

        APNO KE DARDO KO SAMJHE...आज के समय मे दर्दो को एवं एहसासों को समझना तो दूर की बात है बल्कि आज कल एक दूसरे को ही ज्यादातर दर्द देते रहते है। जो कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है। जब की सही बात तो यह है कि अपनो के साथ साथ सभी के दर्दो को एवं एहसासो को समझना जरूरी होता है।

      APNO KE DARDO KO SAMJHE...लेकिन कभी कभी देखने को मिलता है कि कुछ ऐसे भी लोग  होते है जो अपने ही माता पिता को बुढापे के अवस्था मे उनको ही  उनके ही घर से निकाल देते है या फिर किसी वृद्धा आश्रम में छोड़ आते है। ये बहुत बड़ी दुर्भाग्यापूर्ण बात है। 

     APNO KE DARDO KO SAMJHE...किसी किसी परिवार में तो कुछ ऐसे लोग भी रहते है जो अपने बड़े बुजुर्गों को देखना ही नही चाहते है क्यों कि उनका बुढ़ापे की अवस्था मे स्वास्थ ठीक नही रहता है। जो अपनी पूरी ज़िन्दगी उन्ही  बच्चों के लिए निकाल दिए हो।आज उनका स्वास्थ गड़बड़ हुआ तो वही बच्चों की निगाह में खटकने लगे बड़ी अजीब बात होती है।

जरा सोचो कितने दर्दो को वो सहते है।
कभी फिर भी नही तुम से वो कहते है।
हर दर्द को सह कर तुमको पालते है वो,
क्यों फिर वो बाद में भी दर्द को सहते है।।


      APNO KE DARDO KO SAMJHE...जरा सोचो कितने दर्दो को सहते हुए हम सभी को हमारे माता पिता ने यहाँ तक पहुँचाया है। कैसे कैसे और किन किन परस्थितियों को झेलते हुए अपने कितने सारे सपनो को भुलाते हुए हमारे माता पिता ने हमारे लिए अपने सारे सुख सुविधाओ का त्याग करके हम सभी को इस काबिल बनाया है। और उस माँ की त्याग भावनाओं को देखो और समझो कि खुद अपने बच्चे को सूखे में सुला कर और खुद गीले में सोती है माँ कितना सारा दर्द को बर्दास्त करके अपने आप को सम्पूर्ण रूप से समर्पित कर देती है ताकि हम सभी कुछ भी और कहीं भी और कभी भी करके सुख से अपने जीवन को निर्वाहन कर सके। 

माता पिता को कभी पूजते नही,
पत्थरो की पूजा करते रहो।
माता पिता को कभी समझे नही,
दुसरो को तुम समझते रहो।
माता पिता को कभी गुरु माने नही,
बाबाओ को गुरु मानते रहो।
माता पिता की कभी सेवा करते नही,
बाबा को मेवा ख़िलाते रहो।
माता पिता एक एक रुपये को तरसे,
बाहर में लंगड़ लुटाते रहो।।

      APNO KE DARDO KO SAMJHE...बहुत ऐसे लोग होते है जो अपने माता पिता को उनके किये हुए हर एक कुर्बानी को भुला देते है और उनको जाने अनजाने में बहुत सारी तकलीफे दे देते है। जो कि यह बात बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होती है

     APNO KE DARDO KO SAMJHE...साथियों इस लेख को लिखने का केवल यही एक प्रयास है कि अपने बड़े भुजुर्गो को सदैव सम्मान एवं सेवा करे। क्यों कि उन्होंने हम सभी के लिए पूरे जीवन को समर्पित किया है।

            "धन्यवाद"  

@Amit anant

         Delhi    

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